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टिप्पणी लिखिए- 1. ईकोकार्डियोग्राफी 2. अल्ट्रासोनोग्राफी
3. सोनार
TCT
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1.ईकोकार्डियोग्राफी-
ईकोकार्डियोग्राफी जैसी नई तकनीक की मदद से हार्ट पेशेंट्स की सर्जरी ज्यादा कामयाब और सटीक करना संभव हो गया है। इसकी मदद से सर्जरी के दौरान हार्ट के पिछले हिस्से की पूरी इमेजिंग लेकर हर तरह की प्राॅब्लम को भी देखा जा सकता है। अभी तक हार्ट सर्जरी में हार्ट के अगले हिस्से को देखकर ही सर्जरी की जाती थी। पीजीआई में हार्ट के मरीजों की सर्जरी के दौरान अब ये टूल बड़ा मददगार साबित हो रहा है। पीजीआई के एनेस्थिसिया डिपार्टमेंट के डॉक्टरों की मदद से हार्ट पेशेंट्स के लिए ये राहत मिली है। एनेस्थिसिया डिपार्टमेंट के प्रो. जीडी पुरी ने हार्ट पेशेंट ने बताया कि इस टूल की मदद से अब इलाज और ज्यादा आसान हो गया है। इस मौके पर प्रो. वीके आर्य, डॉ. सुमन अरोड़ा ने शुक्रवार से शुरू होने वाली 10वीं पेरिऑपरेटिव एंड क्रिटिकल केयर ईको कार्डियोथैरेपी वर्कशॉप की जानकारी दी। वर्कशॉप की आॅर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. नीति डोगरा ने बताया कि वर्कशॉप में विदेशों के एक्सपर्ट भी शामिल होने वाले टॉपिक की जानकारी दी।
छुपेहुए टिश्यू की रिपेयर में मिलती है मदद: प्रो.वीके आर्या ने बताया कि इको कार्डियोथैरेपी की मदद से ऐसे टिश्यू की रिपेयर करने में भी मदद मिलती है जो छिपे रहते थे। दरअसल, अभी तक हार्ट पेशेंट के सीने का हिस्सा खोलकर सर्जिकल प्रोसिजर पूरा किया जाता रहा है। इसमें हार्ट के सामने वाले हिस्से की प्राॅब्लम और टिश्यू का तो पता चल जाता है। लेकिन हार्ट के पिछले हिस्से के टिश्यू का पता नहीं चलता था। अब इस तकनीक की मदद से हार्ट के पीछे से जाने वाली फूड पाइप में कैमरा डालकर हार्ट के पीछे की इमेज ली जाती है।
2.अल्ट्रासोनोग्राफी-
प्रसूतिशास्र अल्ट्रासोनोग्राफी या स्त्री रोग विज्ञान सोनोग्राफी चिकित्सा सोनोग्राफी के आवेदन को संदर्भित करता है, जैसे की मादा श्रोणि अंग (विशेष रूप से गर्भाशय, अंडाशय, और फलोपियन ट्यूब) साथ ही मूत्राशय, एडनेक्स, और डगलस के पाउच। प्रक्रिया श्रोणि में अन्य चिकित्सकीय प्रासंगिक निष्कर्षों का कारण बन सकती है।
3.सोनार
TCT