27.किसी एक प्रश्न का उत्तर 15 पंक्तियों में लिखिए।
अ) हम भारतवासी कविता का सारंश अपने शब्दों में लिखिए।
आ) मेहनत ही जीवन है' कण कण का अधिकारी कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
ज..
Answers
Answered by
2
Answer:
आ)
Explanation:
कण - कण के अधिकारी पाठ का कवि डॉ. रामधारि सिंह दिनकर है ।
इनकी प्रसुस्त कविता में कहते है कि एक मनुज धन
को पाप के बल से संचित करता है । दूसरा मनुज
धन को भाग्यवाद के छाल से संचित करता है । नर -
समाज का भाग्य एक ही होता है । वह है , मानव का
परिश्रम और उसकी भुजाओं की शक्ति । श्रमिक के
सम्मुख सारी धरती और आसमान झुके है । हमें
श्रम - जल देनेवालों को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए ।
अर्थात नर और सुर सब विनीत झुके है ।
विजीत प्रकृति में श्रमिक को सुख पाने देना
चाहिए । सबसे पहले सुख पाने का अधिकार
श्रमिकों को है । जो कुछ धन प्रकृति में न्यस्त है
वही मनुज मात्र का धन है । ओ ! धर्मराज उसका
कण - कण का अधिकारी ये प्रजा , मनुष्य है ।
ये सब बाते धर्मराज सुन रहे है । ये सब बाते
भीष्म पितामह धर्मराज से बोल रहे है ।
Hope this helps You ,
please mark.
brainlist
Similar questions