(27). मेरा प्रिय त्योहार
मेरा प्रिय त्योहार - होली-2 दिनों का त्यौहार - मनाने के पीछे धार्मिक कथा-
भाईचारे की भावन सीख- पाप और पुण्य की विजय - सीख ।
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सभी के लिये प्रिय होली खुशियाँ और सुख लाने वाला त्योहार होता है। ये हर साल हिन्दु धर्म के द्वारा मनाया जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व होता है। ये आमतौर पर मार्च के महीने में वसंत ऋतु की शुरुआत में आता है। सभी इसका बेसब्री से इंतजार करते है और इसको अलग तरीके से मनाने की तैयारी करते हैं।
होली को मनाने के पीछे भक्त प्रह्लाद की मुख्य भूमिका है। भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को उसी के पिता ने उसकी पूजा न करने पर मारने का प्रयास किया, इसके लिये उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठने को कहा क्योंकि होलिका को ये वरदान था कि वो आग में जल नहीं सकती चूंकि प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था इसलिये इस आग में उसे कोई नुकसान नहीं हुआ जबकि आशिर्वाद पायी होलिका जलकर भस्म हो गई। उसी दिन से हर साल ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है।
रंगों की होली के एक दिन पहले, लोग लकड़ी, घास और गोबर के ढ़ेर को रात में जलाकर होलिका दहन की पौराणिक कथा को याद करते है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन परिवार के सभी सदस्यों द्वारा सरसों उपटन का मसाज शरीर पर करवाने से शरीर और घर की गंदगी साफ हो जाती है और घर में खुशियाँ और सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होता है।
होलिका दहन के अगले दिन सभी लोग अपने मित्र, परिवार और सगे-संबंधियों के साथ रंगों से खेलते है। इस दिन बच्चे गुब्बारों और पिचकारियों में रंग भरकर दूसरों पर फेंकते है। सभी एक-दूसरे के घर जाकर गले लगाते है साथ ही अबीर लगाकर अपनत्व और प्यार का इजहार करते है। इस खास अवसर पर सभी अपने घर में मिठाई, दही-बढ़े, नमकीन, पापड़ आदि बनवाते है।
होली पर एक निबंध – होली पर छोटा निबंध
हिन्दूओं के द्वारा दिवाली की तरह ही होली भी व्यापक तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार है। ये फागुन महीने में आता है जो वसंत ऋतु के फागुन महीने में आता है जिसे वसंत ऋतु की भी शुरुआत माना जाता है। हर साल होली को मनाने की वजह इसका इतिहास और महत्व भी है। बहुत साल पहले, हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक द्ष्ट बहन थी होलिका जो अपने भाई के पुत्र प्रह्लाद को अपने गोद में बिठा कर जलाना चाहती थी।
प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे जिन्होंने होलिका के आग से प्रह्लाद को बचाया और उसी आग में होलिका को राख कर दिया। l तभी से हिन्दु धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई के विजय के रुप में हर साल होली का त्योहार मनाते है। रंगों के इस उत्सव में सभी एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर दिनभर होली का जश्न मनाते है।
मेरा प्रिय त्योहार होली पर निबंध 2018
रंगों
बहुत समय पहले, एक राजा हिरण्यकश्यप, उसकी बहन होलिका और उसका पुत्र प्रह्लाद थे। प्रह्लाद एक पावन आत्मा था जो भगवान विष्णु का भक्त था जबकि उसके पिता चाहते थे कि प्रह्लाद समेत सभी उसकी पूजा करें। लेकिन भक्त प्रह्लाद को ये गवाँरा नहीं था और वह सदा भगवान विष्णु की ही पूजा करता था। इससे नाराज होकर उसके पिता ने उसको आग से जलाकर मारने की योजना बनाई। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे क्योंकि होलिका को भगवान से ये वरदान मिला था कि आग उसे जला नहीं सकता, अपने भाई की बात मान होलिका आग में बैठी परंतु प्रह्लाद को इस आग से कोई नुकसान नहीं हुआ बल्कि होलिका ही इस आग में जलकर खाक हो गई। इसी कथा से होली उत्सव का जन्म हुआ।
इस पर्व के मौके पर सभी अपने प्रियजनों से मिलते है, रंग और अबीर से होली खेलते है, साथ ही कई सारी क्रियाओं में भाग लेते है जो एक-दूसरे के लिये खुशी को प्रदर्शित करता है। इस तरह लोग रंगों के इस त्योहार में अपनों के संग खुशियाँ मनाते है।
HOLI KA ESSAY IN HINDI
अगर आप होली के दिन के लिए निबंध या एस्से भाषा में Hindi, Urdu, Nepali, Punjabi, Gujarati, Kannad, Tamil, telugu, malyalam, Marathi, Bhojpuri तथा Language Font में जानना चाहे तो होली पर विचार, diwali पर निबंध, होली के बारे में तथा होली के बारे में जानकारी के माध्यम से जान सकते है :
होली रंगों का त्योहार है जिसे हर साल फागुन के महीने में (मार्च) हिन्दू धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है। उत्साह से भरा ये त्योहार हमारे लिये एक दूसरे के प्रति स्नेह और निकटता लाती है। इसमें लोग आपस में मिलते है, गले लगते है और एक दूसरे को रंग और अबीर लगाते है। इस दौरान सभी मिलकर ढ़ोलक, हारमोनियम तथा करताल की धुन पर धार्मिक और फागुन गीत गाते है। इस दिन पर हमलोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, पानी-पूरी तथा दही-बढ़े आदि खाते है। होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।
Holi Essay in Hindi for Class
ESSAY ON HOLI IN HINDI FOR CLASS 2ND – होली एस्से इन हिंदी
होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दु धर्म के लोग हर साल बड़ी धूमधाम से मनाते है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतु के समय फागुन (मार्च) के महीने में आता है जो दिवाली की तरह सबसे ज्यादा खुशी देने वाला त्योहार है। ये हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद सुंदर और रंगीन नजर आते है।
होली का ये उत्सव फागुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरु होता है और अगला दिन रंगों में सराबोर होने के लिये होता है। बच्चे इस पर्व का बड़े उत्सुकता के साथ इंतजार करते है तथा आने से पहले ही रंग, पिचकारी, और गुब्बारे आदि की तैयारी में लग जाते है साथ ही सड़क के चौराहे पर लकड़ी, घास, और गोबर के ढ़ेर को जलाकर होलिका दहन की प्रथा को निभाते है।
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