28. भारतेन्दु ने किस प्रहसन में भ्रष्ट शासन तन्त्र पर प्रहार किया है ?
(A) धनंजयविजय
(B) नील देवी
(C) अन्धेर नगरी
(D) विद्यासुन्दर
Answers
Answer:
c nile devi
Explanation:
becaus bhatendru ne nahane nikla tha
भारतेन्दु ने प्रभात खबर के द्वारा प्रकाशित उपन्यास "विद्यासुन्दर" में भ्रष्ट शासन तंत्र पर प्रहार किया था।
इस उपन्यास में भारतेन्दु ने भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार को खुलेआम सामने रखा और उसका विरोध किया। इस उपन्यास का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में सत्य, न्याय, और ईमानदारी के लिए लड़ाई लड़ना था।
भारतीय लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा 19वीं सदी के अंत में लिखा गया एक उपन्यास है। इस उपन्यास की कहानी एक काल्पनिक राज्य विद्यापुरी में होती है, जहां राजा के मृत्यु के बाद उसके पुत्र विद्यासुंदर राजा बनता है।
यह उपन्यास भारतीय समाज के भ्रष्टाचार और शोषण के मुद्दों पर एक मजबूत सामाजिक और राजनीतिक टिप्पणी के लिए जाना जाता है। विद्यासुंदर के चरित्र के माध्यम से, भारतेंदु हरिश्चंद्र न्यायपूर्ण और ईमानदार शासक का वर्णन करते हुए उसकी मुश्किलों और संघर्षों को दर्शाते हैं, जब वह भ्रष्ट अधिकारियों और जमींदारों से लड़ता है जो सामान्य लोगों को शोषण कर रहे होते हैं।
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