29. स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष आई किन्हीं तीन चुनौतियों की विस्तार से व्याख्या कीजिए
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- एकता एवं अखंडता की चुनौती: भारत भारत में आजादी और बंटवारे के बाद सबसे बड़ी चुनौती एकता और अखंडता की थी। क्योंकि क्योंकि भारत में बहुत सारे जाति, धर्म और भाषा के लोग हैं। इन इन सबके बीच एकता और अखंडता बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था। धर्म ,जाति ,भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश के बंटवारे की मांग भी होने लगी थी। इसीलिए इसीलिए यह चुनौती अभी भी बनी हुई थी।
- लोकतंत्र के स्थापना की चुनौती: दूसरीदूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी लोकतंत्र की स्थापना की चुनौती लोकतंत्र को कैसे स्थापित किया जाए, भारत के लोगों को लोकतंत्र का मतलब ही नहीं पता था कि लोकतंत्र आखिर किसे कहते हैं? घर घर-घर जाकर लोगों को लोकतंत्र का मतलब समझाना था। क्योंकि लोग तो राजा महाराजाओ को ही अपना सब कुछ मानते थे। ऐसे ऐसे में लोकतंत्र का मतलब समझना बहुत ही मुश्किल था। मतदाता मतदाता सूची बनानी थी। चुनाव चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन भी करना था और इस तरीके से लंबी तैयारी के बाद पहले चुनाव 1992 में हुए। इसीलिए इसीलिए चुनाव करवाना और लोकतंत्र अपना ना किसी चुनौती से कम नहीं था।
- विकास विकास की चुनौती: तीसरी तीसरी चुनौती थी विकास करने की चुनौती अंग्रेजों के शासन से भारत बहुत पीछे पिछड़ चुका था। अब हमें तेजी से तरक्की कर के आगे बढ़ाना था। तरक्की तरक्की करने या विकास के सिर्फ दो रास्ते थे। एक एक तो अमेरिका का पूंजीवाद वाला रास्ता था। और दूसरा सोवियत संघ का समाजवादी वाला रास्ता था ।
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