2बस स्टेड या बाजार में होने वाले क्रियाकलापों की सूची बना ये से कितने आर्थिक क्रियाकलाप
निर्माता आर्थिक विकास के लिए उपयुका गोलियों के निर्माण के लिए किसी
आपको आवयकताएँ आयोचित या उनकी पूर्ति करने के लिए आपके पास समाचार मिला है।
आपकता का पुरुष आप केस कोरे, जिसको आप पूरी करना चाहते
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Answer:
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथन सही हैं अथवा गलत? इन्हें तदनुसार चिह्नित करें
(क) सांख्यिकी केवल मात्रात्मक आँकड़ों का अध्ययन करती है।
(ख) सांख्यिकी आर्थिक समस्याओं का समाधान करती है।
(ग) आँकड़ों के बिना अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का कोई उपयोग नहीं है।
उत्तर :
(क) गलत,
(ख) सही,
(ग) सही।
प्रश्न 2.
उन क्रियाकलापों की सूची बनाएँ जो जीवन के सामान्य कारोबार के अंग होते हैं। क्या ये आर्थिक क्रियाकलाप हैं?
उत्तर :
उन क्रियाकलापों की सूची जो जीवन के सामान्य कारोबार के अंग होते हैं, निम्नलिखित हैं|
आवश्यकताओं की सन्तुष्टि के लिए वस्तुओं को क्रय करना।
लाभ कमाने के लिए वस्तुओं का उत्पादन करना।
किसी अन्य व्यक्ति के लिए कार्य करना और बदले में पारिश्रमिक लेना।
पारिश्रमिक (वेतन/मजदूरी) पाने के लिए दूसरे व्यक्ति को सेवा प्रदान करना।
लाभ कमाने के लिए वस्तुएँ बेचना (विक्रेता का कार्य)।
उपर्युक्त सभी क्रियाएँ आर्थिक हैं क्योंकि ये सभी धन सम्बन्धी क्रियाएँ हैं और मौद्रिक लाभ कमाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
प्रश्न 3.
सरकार और नीति निर्माता आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त नीतियों के निर्माण के लिए
सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग करते हैं। दो उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
अथवा सरकार एवं नीति-निर्माताओं के लिए सांख्यिकीय आँकड़ों के प्रयोग का महत्व बताइए।
उत्तर :
1. सरकार द्वारा सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग देश में पूर्ण रोजगार के स्तर को बनाए रखने के लिए सरकार को अपनी व्यय नीति, कर नीति, मौद्रिक नीति आदि में समायोजन करना पड़ता है, परन्तु यह समायोजन सांख्यिकीय तथ्यों के आधार पर ही हो सकता है। सरकारी बजट का निर्माण भी सांख्यिकीय आँकड़ों के आधार पर किया जाता है। सरकार द्वारा नियुक्त आयोगों, समितियों आदि के प्रतिवेदनों का आधार भी समंक ही होते हैं। वास्तव में, सांख्यिकीय आँकड़े एक ऐसा आधार है जिसके चारों ओर सरकारी क्रियाएँ घूमती हैं।
2. नीति-निर्माताओं द्वारा सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग-सांख्यिकीय आँकड़े नीति निर्माण की आधारशिला हैं। योजनाएँ बनाने, उन्हें क्रियान्वित करने तथा उनकी उपलब्धियों/असफलताओं का मूल्यांकन करने में पग-पग पर सांख्यिकीय आँकड़ों का सहारा लेना पड़ता है। नीति-निर्माता समंकों का प्रयोग निम्नलिखित बातों के लिए करते हैं
अन्य देशों की तुलना में अपने देश के आर्थिक विकास की स्थिति को जानने के लिए; .
आर्थिक विकास के निर्धारक तत्त्वों के प्रभाव, तकनीकी प्रगति व उत्पादकता की स्थिति जानने के लिए;
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में प्राथमिकताएँ निर्धारित करने के लिए;
विभिन्न क्षेत्रों के निर्धारित लक्ष्यों व वित्तीय साधनों का अनुमान लगाने के लिए;
विभिन्न परियोजनाओं के कार्यकरण का मूल्यांकन करने के लिए
प्रश्न 4.
आपकी आवश्यकताएँ असीमित हैं तथा उनकी पूर्ति करने के लिए आपके पास संसाधन सीमित हैं। दो उदाहरणों द्वारा इसकी व्याख्या करें।
उत्तर :
उदाहरण 1 – माना हमारे पास केवल १ 10 हैं। हम इससे फल, सब्जियाँ, पुस्तक, खेल का सामान आदि खरीदना चाहते हैं, सिनेमा भी देखना चाहते हैं। क्या हम ऐसा कर सकते हैं? नहीं। क्योंकि हमारे पास साधन सीमित अर्थात् मात्र 10 हैं। अतः हम इन आवश्यकताओं को वरीयता के क्रम में रखकर सर्वाधिक आवश्यक उन वस्तुओं को खरीद पाएँगे जिनका मूल्य र 10 तक होगा।
उदाहरण 2 – माना एक व्यक्ति के पास मात्र १ 10,000 की पूँजी है। वह इसे अनाज को संग्रह करने, अंश पत्रों व ऋण पत्रों में लगाने, कम्प्यूटर लगाकर जॉब वर्क करने आदि कार्यों में लगाना चाहता है। वह ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि उसके पास पूँजी सीमित (मात्र १ 10,000) है। अत: वह वही कार्य कर पाएगा जिसमें अधिकतम पूँजी की आवश्यकता मात्र १ 10,000 हो।
Answer:
Shankar ki aisa vigyan hai sankisa vigyan hai sankisa vigyan hai sankisa vigyan hai sankisa vigyan jo ki sankhya vishleshan ka samay sambandh rakhta hai