3. 1928 से 1956 तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय हॉकी टीम के दबदबे
को कैसे स्पष्ट किया जा सकता है?
4. मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर क्यों कहा जाता था?
5. आपके अनुसार बरियातु हॉकी सेंटर को इतनी सफलता क्यों प्राप्त हुई?
6. महिला हॉकी में जनजातीय युवतियों का वर्चस्व क्यों है?
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Answer:
3 - सन् 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक से शुरू हुआ भारतीय हॉकी का सुनहरा सफर 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक तक बेरोकटोक चला.
116 वर्षों के ओलंपिक इतिहास में भारत के खाते में सिर्फ़ 18 पदक आए हैं औरइनमें से 11 पदक भारत ने हॉकी में जीते हैं.
भारत ने हॉकी में आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं. वर्ष 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में भारत ने पहली बार स्वर्ण पदक हासिल किया.
1928 से लेकर 1956 तक भारतीय हॉकी ने लगातार छह स्वर्ण पदक जीते. उस दौरान ओलंपिक में भारत ने 24 मैच खेले और 24 में जीत भी हासिल की. भारत ने 1964 के टोक्यो और 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था.
4 - 1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक में उनके नाम 14 गोल दर्ज हैं. इसी टूर्नामेंट में जीत के बाद उन्हें 'हॉकी का जादूगर' नाम से जाना जाने लगा. ध्यानचंद ने 1928,1932 और 1936 में देश को हॉकी में गोल्ड दिलाया. ... यह मूर्ति उनके खेल का जादू दिखाने का परिचायक देने के लिए लगाई गई है कि उनकी हॉकी में कितना जादू था.
6 - भारत की महिला हॉकी टीम ने जापान के काकामिगाहारा में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता। फाइनल में भारतीय टीम जापान से 0-1 से हार गई।[1] भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने से ऊंची वरीयता प्राप्त चीन को 4-2 और मलेशिया को 5-1 से हराया था।
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