Hindi, asked by saismitalala54511, 5 hours ago

3) 2x + 3y हि कोणती पद राशी आहे

Answers

Answered by ankitabareth200787
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Answer:

प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक (expression) को बहुपद (Polynomial) कहते हैं, यथा (3a+2b-5c) .

Explanation:

पदों की संख्या के अनुसार इसके विशिष्ट उपनाम 'एकपद' (monomial), 'द्विपद' (binomial), आदि होते हैं। उच्चतर गणित में बहुपद का विशिष्ट उपयोग ऐसे व्यंजक के लिए होता है जिसके पदों में किसी एक चर राशि, या एक से अधिक चर राशियों, के शून्य अथवा धन पूर्णांक घात आरोह या अवरोह क्रम में हो, यथा

3x + x2 - x4 . . . . . . . . . . . . (1)

-6x6y + 5px2yx2 - a x . . . . . . . . . . . . (2)

व्यंजक (1) (x) का बहुपद है और (2) x, y z, का तथा उसमें (a) अचर (constant) है। यदि (x) के स्थान में सर्वत्र कोई अन्य व्यंजक मान लें, log x रख दिया जाए, तो नया व्यंजक log x का व्यंजक कहलाएगा। पदों के घातों में से महत्तम को बहुपद का घात (डिग्री) कहते हैं। यदि एक से अधिक चर राशियाँ हों, तो विभिन्न पदों में चर राशियों के घातों के योगफलों में से महत्तम को बहुपद का घात कहते हैं। इस प्रकार बहुपद (1) का घात 4 है और (2) का 7। ऐसा भी कहा जाता है कि बहुपद (2) (x) में छठे घात का और (y) में द्वितीय घात का है।

Answered by hemakumar0116
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Answer:

प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक  को बहुपदकहते हैं, यथा (3a+2b-5c) .

Explanation:

पदों की संख्या के अनुसार इसके विशिष्ट उपनाम 'एकपद' , 'द्विपद'  आदि होते हैं। उच्चतर गणित में बहुपद का विशिष्ट उपयोग ऐसे व्यंजक के लिए होता है जिसके पदों में किसी एक चर राशि, या एक से अधिक चर राशियों, के शून्य अथवा धन पूर्णांक घात आरोह या अवरोह क्रम में हो, यथा

3 x + x 2 - x 4  . . . . . . . . . . . . ( 1 )

- 6 x 6 y + 5 p x 2 y x 2 - a x . . . . . . . . . . . .  ( 2 )

व्यंजक ( 1 ) ( x ) का बहुपद है और ( 2 ) x , y  z , का तथा उसमें (a) अचर है। यदि (x) के स्थान में सर्वत्र कोई अन्य व्यंजक मान लें, log x रख दिया जाए, तो नया व्यंजक log x का व्यंजक कहलाएगा। पदों के घातों में से महत्तम को बहुपद का घात डिग्री कहते हैं। यदि एक से अधिक चर राशियाँ हों, तो विभिन्न पदों में चर राशियों के घातों के योगफलों में से महत्तम को बहुपद का घात कहते हैं। इस प्रकार बहुपद (1) का घात 4 है और (2) का 7। ऐसा भी कहा जाता है कि बहुपद ( 2 ) ( x ) में छठे घात का और ( y ) में द्वितीय घात का है।

#SPJ3

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