3. आलाप किस का संपूर्ण दर्शन कहलाता है Select Required
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आलाप राग के स्वरों को विलम्बित लय में विस्तार करने को कहते हैं। आलाप को आकार की सहायता से या नोम, तोम जैसे शब्दों का प्रयोग करके किया जा सकता है। गीत के शब्दों का प्रयोग करके जब आलाप किया जाता है तो उसे बोल-आलाप कहते हैं। 'आलाप' का अर्थ है बदल-बदल कर बढ़ना। स्वरों के नये नये बनाव, नई उपज, नये विस्तार, चलने के नये रास्ते, इन पर चलना। आलाप की इस व्याख्या के साथ ही वह स्वरों की संगति में संगीत की तलाश करते हैं। कहते हैं, ‘स्वरों की अपनी संगति में, संगीत की अपनी मर्यादाओं और संभावनाओं में, हम औचित्य की कसौटियों की खोज कर सकते हैं।’
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