3. आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
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आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
यह पंक्तियाँ कविता ”मैं सबसे छोटी होऊँ” में सबसे छोटी होने की कल्पना की गई है। यह कविता सुमित्रानंदन द्वारा लिखी गई है |
इन पंक्तियों का आशय है कि बड़े होने पर बचपन की तरह माँ हमारे साथ नहीं चलती है , उनसे हमारा रिशता छुट जाता है | बचपन में माँ कदम कदम पर हमेशा साथ देती है ख्याल रखती है | बड़े होने पर माँ इतना ख्याल नहीं रखती है | बच्ची अपनी माँ से कहती है , मैं छोटा ही रहना चाहती हूँ | मैं हमेशा आपके साथ ही रहना चाहती हूँ |
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