3. आयनन पर प्रभाव डालने वाले चार कारकों का वर्णन कीजिए।
PTO
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1. परमाणु का आकार : वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन की नाभिक से दूरी बढती जाती है और इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी कम होती जाती है।
अर्थात आयनन एन्थैल्पी का मान परमाणु के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
2. प्रभावी नाभिकीय आवेश : आवर्त सारणी में बाएं से दायें जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन से नाभिक की दूरी कम होती जाती है अत: इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी बढती जाती है।
अर्थात आयनन विभव का मान प्रभावी नाभिकीय आवेश केओयू समानुपाती होता है।
3. परिरक्षण प्रभाव : परिरक्षण प्रभाव बढ़ने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन से नाभिक की दूरी बढती जाती है , इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी कम होती जाती है।
अर्थात आयनन एंथैल्पी का मान परिरक्षण प्रभाव के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
4. अर्धपूरित व पूर्णभरे तत्वों का स्थायित्व : अर्धपूरित और पूर्ण भरे कक्षक अन्य कक्षकों की तुलना में अधिक स्थायी होते है। इनमें से इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी भी अधिक होती है।