Economy, asked by rajendramaurya20802, 1 month ago

3) अनैच्छिक बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति: क) कार्य करने के लिए तत्पर नहीं है ख) कार्य करने के योग्य नहीं है ग) कार्य करने को तत्पर है लेकिन रोजगार पाने में असमर्थ है।​

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Answered by donnumber1
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अनैच्छिक बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति: क) कार्य करने के लिए तत्पर नहीं है ख) कार्य करने के योग्य नहीं है ग) कार्य करने को तत्पर है लेकिन रोजगार पाने में असमर्थ है।

Explanation:

अनैच्छिक बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति: क) कार्य करने के लिए तत्पर नहीं है ख) कार्य करने के योग्य नहीं है ग) कार्य करने को तत्पर है लेकिन रोजगार पाने में असमर्थ है।

Answered by pranjalsalunkhe95
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बेरोज़गारी का अस्तित्व श्रम की माँग और उसकी आपूर्ति के बीच स्थिर अनुपात पर निर्भर करता है। बेरोज़गारी के दो भेद हैं - असंतुलनात्मक (फ्रिक्शनल) तथा ऐच्छिक (वालंटरी)। ऐच्छिक बेरोजगारी का प्रभाव उस समय होता है जब मजदूर अपनी वास्तविक मजदूरी में कटौती को स्वीकार नहीं करता। समग्रत: बेरोजगारी श्रम की माँग और पूर्ति के बीच असंतुलित स्थिति का प्रतिफल है।

प्रोफेसर जे. एम. कीन्स "अनैच्छिक बेरोजगारी" को भी बेरोजगारी का भेद मानते हैं। "अनैच्छिक बेरोजगारी" की परिभाषा करते हुए उन्होंने लिखा है - 'जब कोई व्यक्ति प्रचलित वास्तविक मजदूरी से कम वास्तविक मजदूरी पर कार्य करने के लिए तैयार हो जाता है, चाहे वह कम नकद मजदूरी स्वीकार करने के लिए तैयार न हो, तब इस अवस्था को अनैच्छिक बेरोजगारी कहते हैं।' यदि कोई व्यक्ति किसी उत्पादक व्यवसाय में कार्य करता है तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वह बेकार नहीं है। ऐसे व्यक्तियों को पूर्णरूपेण रोजगार में लगा हुआ नहीं माना जाता जो आंशिक रूप से ही कार्य में लगे हैं अथवा उच्च कार्य की क्षमता रखते हुए भी निम्न प्रकार के लाभकारी व्यवसायों में कार्य करते हैं।

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