Geography, asked by rajeshwarsatna1975, 6 months ago

3. अप्रवास किसे कहते हैं?​

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Answered by saifulislam8
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Answer:

माइग्रेशन एक सच्चाई है। पशु, पक्षी, समुद्री जीव से लेकर इन्सान सभी प्रवास करते हैं। प्रवास का इतिहास मानव सभ्यता से भी पुराना है। मनुष्य या कोई भी जीव अपने जन्मस्थान को छोड़कर या तो संकट के समय या बेहतर अवसरों की तलाश मे जाता है ।

पशु पक्षी भोजन और पानी के आभाव में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं । ये प्रवास मौसमी होते हैं । अधिक गर्मी, सर्दी और बारिश से बचने के लिए पशु-पक्षी प्रवास करते हैं।

नदी, नाले, पहाड़ पार करते वक्त बहुत से पशु-पक्षी सरवाइव नहीं कर पाते। उनकी मृत्यु प्राकृतिक कारणों से होती है। एक हम्पबैक व्हैल ने 9,800 किलोमीटर का सफर तय कर दिया, ब्राजील से मैडागास्कर तक । साइबेरियन क्रैन भी काफी लम्बी दूरी तय कर माउंट एवरेस्ट के उपर से उडते हुए एशियाई प्रायद्वीप तक पहुंचते हैं। सर्दियां खत्म होने पर वापस लौट जाते हैं।

अब आते हैं मनुष्यों के प्रवास पर। मनुष्य भी बेहतर अवसरों की तलाश में अपने देश या दूसरे देशों में प्रवास करते हैं। सामान्यतः कानूनी प्रक्रिया और प्रवास परमिट मिलने पर निश्चित समय के लिये प्रवास करते हैं। लम्बे समय तक प्रवास करने के बाद उनके बच्चे वहीं की संस्कृति अपनाकर वहीं के हो जाते हैं। प्रवासी उस देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देते हैं। इससे किसी को सीधे तौर पर कोई समस्या नहीं होती है। उन्हें प्रवासी देश की स्थाई नागरिकता भी मिल जाती है। उन्हें राजनैतिक अवसर भी मिलते हैं क्योंकि वो पूर्ण रूप से वहीं के हो जाते हैं।

मनुष्यों में एक दुसरे तरह का प्रवास भी होता है। मनुष्य दूसरे मनुष्यों द्वारा रंग, भाषा, धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर अपने परिवार की रक्षा के लिए अपने जन्मस्थान को छोड़कर अपने ही देश में दूसरे स्थान पर या दूसरे देश में शरण लेते हैं और शरणार्थी कहलाते हैं । इनका जीवन नर्क हो जाता है। चूंकि ऐसा प्रवास अक्सर बडी संख्या में होता है। जब धीरे धीरे इनकी संख्या स्थानीय लोगों से अधिक हो जाती है तो स्थानीय नागरिकों की सभ्यता और भाषा पर खतरा मंडराने लगता है। शरणार्थियों के साथ ये समस्या होती है कि वो अपनी पहचान बचाने के लिए भागते हैं।

1947 के बंटवारे के रिप्पल इफेक्ट आज हमारे सामने है । आसाम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के सामने अपनी भाषा और संस्कृति बचाने का संकट पैदा हो गया है। शरणार्थियों को नागरिकता मिलने पर अनरेस्ट पैदा हो गया है। पाकिस्तान और बांग्लादेश धर्म के आधार पर बनने वाले देश हैं। भारत ने सैक्यूलर रहना पसंद किया, जो कि एक बेहतरीन निर्णय था।

एक मनुष्य होने के नाते पहले हमें ये सोचना होगा जहाँ भी हम जाए सबसे पहले हमें वहां की संस्कृति और भाषा को अपनाना चाहिए । मनुष्यों के पास ये हूनर है कि वो भेष बदल सकता है और भाषा सिख सकता है। सिर्फ जानवर ही ऐसा नहीं कर सकते हैं

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