(3)`अपनेमॅुह मि याॅ मि ट्ठूबनना ' अच्छा नही होता इस वि षय पर अपनेवि चार लि खि ए::(2.MARKS)
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अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना अच्छा नहीं होता, इस विषय पर मेरे विचार निम्नलिखित है -
- 'अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना' एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है ' खुद की तारीफ़ करना ' ।
- हमें स्वयं की तारीफ़ खुद ही नहीं करना चाहिए, यह अच्छा नही होता । क्योंकि खुद की तारीफ़ करने में और दूसरो द्वारा तारीफ़ करने में बहुत अंतर होता है।
- तारीफ़ दूसरों से सुनना अच्छा होता है । क्योंकि असल तारीफ़ वही होता है , जो दूसरों से प्राप्त हो , न की स्वयं से । दूसरे जब हमारी तारीफ़ करते हैं, तब वह सही पैमाने पर हमारा आकलन कर तारीफ़ करते है, न की स्वयं के भांति बढ़ा - चढ़ाकर ।
- आज के दौर में लोग खुद की बड़ाई करने में पीछे नहीं होते हैं । ऐसे व्यक्ति जो हर पल अपनी ही बड़ाई में लगे होते हैं , वो प्रसंशा प्रेमी होते हैं ।
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