Hindi, asked by poojarajeev25nov, 7 months ago

3 bit 2. लेखक ने भय, निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद
आने का वर्णन किस प्रसंग में किया है ? 'स्मृति' पाठ के आधार पर स्पष्ट
कीजिए।​

Answers

Answered by shishir303
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¿ लेखक ने भय, निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद  आने का वर्णन किस प्रसंग में किया है ? 'स्मृति' पाठ के आधार पर स्पष्ट  कीजिए।

✎... लेखक ने में निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद आने का वर्णन उस प्रसंग के अंतर्गत किया है, जब लेखक के बड़े भाई ने उसको डाकखाने में जाकर चिट्ठी डाल आने के लिए कुछ चिट्ठियां दी थीं और लेखक की शरारत की वजह से वे चिट्ठियां साँप वाले कुएं में गिर गईं। हाँलाकि लेखक को साँप के फुफकारने की आवाज सुनने की आदत थी, क्योंकि लेखक अक्सर अपनी टोली के साथ वहाँ से गुजरा करता था। लेकिन उस दिन चिट्ठियां कुएं में गिर जाने के कारण साँप के फुफकारने की आवाज लेखक को बहुत भयानक लग रही थी। लेखक के मन में भाई द्वारा दिया जाने वाला दंड का भय बैठ गया था। इस कारण उसे साँप की पुकार भी अजीब लग रही थी। ऐसी स्थिति में लेखक को अपनी माँ की गोद याद आने लगी। स्वभाविक तौर पर बालक कोई भी बालक किसी भी भय, निराशा और उद्वेग की स्थिति में अपनी माँ की गोद में ही चला जाता है। माता का आंचल उसे सुरक्षा और सांत्वना का अहसास देता है। लेखक ने इसी प्रसंग के संदर्भ में माँ की गोद की याद का वर्णन किया है।

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