3. चैतक ने दुश्मन की सेना का मुकाबला किस प्रकार किया?
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Chatak ne dusman ka mukabla apne dimag se Kiya
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शोक सन्देश
महाराणा प्रताप: हवा को चीर देता था 'चेतक', लगाता था 26 फीट की छलांग
By: Abha Sen
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chetak
छत्रसाल महाराणा प्रताप, ये नाम जुबान पर आते ही युवाओं में आज भी जोश भर उठता है।
जबलपुर। छत्रसाल महाराणा प्रताप, ये नाम जुबान पर आते ही युवाओं में आज भी जोश भर उठता है। इस वीर योद्धा की शौर्य गाथाएं कौन नहीं जानता। पूरे भारतवर्ष को इनकी वीरता पर आज भी गर्व है। प्रताप की स्मृतियां आज भी सिर्फ इतिहास के पन्नों पर ही धरातल पर भी शेष हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे घोड़े के बारे में बता रहे हैं जिसके किस्से दशकों से सुनने मिलते हैं। आज भी हम किताबों में इस बहादुर घोड़े की कहानी और काव्य संग्रह को पढ़ते हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं महाराणा प्रताप के हवा से बाते करने वाले घोड़े चेतक की। हल्दी घाटी ( 18 जून, 1576 ई०) के युद्ध में चेतक ने अपनी स्वामिभक्ति एवं वीरता का परिचय दिया था। कहते हैं कि उसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि उसे पकड़ पाना संभव नहीं था। वह प्रताप का प्रिय था और 26 फीट तक की छलांग लगा सकता था। चेतक को एक चतुर घोड़े के रूप में भी याद किया जाता है।