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एक किसान एक जमींदार को पैसे कर्ज में दिया था। कुछ समय के बाद किसान ने पैसे पूछे तो बाद में देने के
लिए कहा। उसके बाद पैसे देने का वादा करके ऋण पत्र माँगा किसान ऋण पत्र ला कर दिखाया तो जमींदार
उसे फाड डाला । किसान न्याय के लिए बादशशह अकबर के पास आया
(इसका परिष्कार करने का काम बीरबल को सौंपा गया।बीरबल, किसान और जमींदार के बातों को सुना।
अब किसी तरह का गवाह नही था इसलिए उससे सब बातें ध्यान से जान लिया दूसरे दिन जमींदर से किस तरह
व्यवहार करना आदि सब कुछ बता दिया।
दूसरे दिन किसान और जमींदार बीरबल के पास पहुंचे। किसान ने बीरबल से कहा - ऋण पत्र को जमींदार
ने मेरे घर में हरे रंग के पत्र पर लिखा था जमींदार ने कहा - "सच बोलो झूठ क्यों कहते हो" दोनों में वाद
विवाद चला आखिर जमींदार ने बता दिया कि पत्र मेरे घर में सफेद कागज पर लिखा गया था।
जमींदार ही सच
बता दिया।
उसे सजा और किसान को दुगुना पैसा मिला
please explain this story in English
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Answer:
Once a farmer gave loan to a landowner. After some time when farmer asked to return his money landowner said I will give you later. After promising he asked for interest papers when farmer showed landowner those papers. He tore them up. After that farmer went to King Akbar . ( To know the truth birbal was given the task) now there not a single proof birbal told farmer to speak the truth. Next day both went to birbal .Farmer said "landowner wrote the interest paper on green page in my house " . Landowner replied " Don't lie that was white paper" .So landowner got caught and farmer got twice his money
Thank you
hope it's helpful!!!
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