Hindi, asked by ma3736497, 6 months ago

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हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ करि पकरी
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए. देखी सुनी न करो।
यह तौ 'सूर' तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी।। kavya saundarya likhiye​

Answers

Answered by shia07
8

Answer:

चारु चन्द्र की चंचल किरणे

खेल रही है जल-थल में

स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई।

अवनि और अम्बर-तल में

पुलक प्रकट करती है धरती

हरित तृणों की नोको

मानो झीम रहे हैं तरु भी

मंद पवन के झझोंक

Answered by dhaniramvinoddjgrh
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Explanation:

jvibkbkanonsk kanak hjkahaisviNw

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