3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता को
हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी को ।
1. हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं।
बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।
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3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता को
हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी को ।
हथकरघा पर हाथ के द्वारा कपड़े बनाए जाते , हाथों के द्वारा कपड़े पहले बनाए जाते थे आज के समय में बहुत कम लोग जो हथकरघा का प्रयोग करके कपड़े बनाते थे|
मिल में मशीन के द्वारा कपड़े बनाए जाते है| आज के समय में मिल के द्वारा कपड़े बनाए जाते है|
हथकरघा से कपड़े बनाने के तरीके -
(1) हथकरघा से कपड़े हाथ से बनाए जाते हैं।
(2) हथकरघा से कपड़ों में ज्यादातर हाथ से कारीगरी की जाती है और बहुत मेहनत लगती है | अलग-अलग तरह के रंगो का प्रयोग किया जाता है|
(3) हथकरघा से कढ़ाई से लेकर सिलाई तक सारा काम हाथों के द्वारा किया जाता है|
(4) हथकरघा से सारा काम हाथ से किया जाता है इसलिए इनकी कीमत ज्यादा होती है।
(5) हथकरघा से बनाने में कपडों में बहुत समय लगता है |
मिल से कपड़े बनाने के तरीके -
(1) मिल में कपड़ों को बनाने की सारी प्रक्रिया मशीन द्वारा बनाए जाते है|
(2) मिल में कपड़ों की कटिंग से लेकर फिनिशिंग तक सारा काम मशीन करती है।
(3) मिल से बनाए गए कपडों में समय की बहुत बचत होती है | एक दिन में बहुत से कपड़े बन कर तैयार हो जाते है|
हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं।
हमारे देश में हर राज्य और रिवाज और संस्कृति के हिसाब से भोजन और पोशाकें प्रचलित हैं।
दक्षिण भारत में चावल का उत्पादन अधिक होने वह समुद्र होने कारण वहाँ पर चावल और समुद्री भोजन बहुत खास है| उतर भारत में गेहूं और राज्य स्थान में बाजरा , ज्वार, मक्का वहाँ का मुख्य भोजन है| आज के समय में अलग-अलग देशों के भोजन को भी अपना लिया है|
इसी तरह गुजरात वह राज्यस्थान में घाघरा-चोली पहनी जाती है जबकि पंजाब में कुर्ता-सलवार | साड़ी पूरे देश की महिलाओं द्वारा पहनी जाती है| शहरों में आज के समय में वेस्टर्न पहनावा भी अपना लिया है|