Hindi, asked by muskanshaiku87, 11 months ago

3. जाड्यं धियो हरति सिञ्चति वाचि सत्यं ।
मानोन्नतिं दिशति पापम् अपाकरोति।
चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्ति
सत्सङ्गतिः कथय किं न करोति पुंसाम्॥


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Answered by shishir303
79

जाड्यं धियो हरति सिञ्चति वाचि सत्यं ।

मानोन्नतिं दिशति पापम् अपाकरोति।

चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्ति

सत्सङ्गतिः कथय किं न करोति पुंसाम्।।

हिंदी भावार्थ — सुसंगति सबका भला करती है, अर्थात उत्तम मित्रों का साथ बुद्धि की जड़ता को हर लेता है। हमारी वाणी में सत्यता आती है। हमारा मान-सम्मान बढ़ता है। हम पापकर्म से मुक्त होते हैं। हमारा मन प्रसन्न होता है और हमारा यश चारों दिशाओं में फैलता है। उत्तम और श्रेष्ठ मित्रों की संगति से मानव का हर प्रकार से कल्याण होता है।

Answered by priyanshubharti2907
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Explanation:

अर्थात्ः अच्छे मित्रों का साथ बुद्धि की जड़ता को हर लेता है, वाणी में सत्य का संचार करता है, मान और उन्नति को बढ़ाता है और पाप से मुक्त करता है । चित्त को प्रसन्न करता है और हमारी कीर्ति को सभी दिशाओं में फैलाता है | (आप ही ) कहें कि सत्संगतिः मनुष्यों का कौन सा भला नहीं करतीं।

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