English, asked by darmendrabhuriya720, 5 months ago

3.
कुल
सत्य असत्य बताइए-
भारत में औपनिवेशिक नीति का अच्छा प्रभाव पड़ा |
1.​

Answers

Answered by shishir303
1

प्रश्न पूरा नही है, पूरा प्रश्न इस प्रकार होगा...

सत्य / असत्य बताइए-

(1) भारत में औपनिवेशिक नीति का अच्छा प्रभाव पड़ा।

(2) वर्तमान में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है।

(3) कुटीर उद्योग में स्थानीय मांग को पूरा करते हैं।

(4) भारत पेट्रोलियम का निर्यातक देश है?​

उत्तर...

(1) भारत में औपनिवेशिक नीति का अच्छा प्रभाव पड़ा।

► असत्य

O  भारत में औपनिवेशिक नीति का अच्छा प्रभाव नही पड़ा था, अधिकतर औपनिवेशिक नीतियाँ ब्रिटिश हितों से संबंधित थीं।

(2) वर्तमान में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है।

► सत्य

O वर्तमान में 2015 में योजना आयोग को समाप्त करके उसके स्थान पर नीति आयोग की स्थापना की गयी।

(3) कुटीर उद्योग में स्थानीय मांग को पूरा करते हैं।

► सत्य

O कुटीर उद्योग स्थानीय मांग को पूरा करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाते हैं।

(4) भारत पेट्रोलियम का निर्यातक देश है?​

► असत्य

O भारत के तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम आयातक देश है, जो अपनी जरूरत का लगभग 80% तेल विभिन्न देशों से आयात करता है। 20% तेल भारत स्वयं उत्पादित करता है।

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Answered by nidaeamann
2

Answer:

Were the colonial policies good or bad for Indians?

Explanation:

With the advent of East India company in Subcontinent including, the region saw some major political, social and economic changes. Subcontinent was mainly ruled by Hindus and Nawabs where they had established a strong trade network and agricultural system. Now East India company took the space by taking advantage of the differences between Indian rulers and local merchants and zamindars by giving them more lucrative trade offers and gradually Indians became quite dependant on Company and East india company acted as the policy maker for the region

Hindi version

उपमहाद्वीप सहित ईस्ट इंडिया कंपनी के आगमन के साथ, इस क्षेत्र में कुछ बड़े राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुए। उपमहाद्वीप मुख्य रूप से हिंदुओं और नवाबों द्वारा शासित था जहां उन्होंने एक मजबूत व्यापार नेटवर्क और कृषि प्रणाली स्थापित की थी। अब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय शासकों और स्थानीय व्यापारियों और जमींदारों के बीच मतभेदों का लाभ उठाकर स्थान ले लिया और उन्हें अधिक आकर्षक व्यापारिक प्रस्ताव दिए और धीरे-धीरे इंडियंस कंपनी पर काफी निर्भर हो गए और ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र के लिए नीति निर्माता के रूप में काम किया

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