Hindi, asked by apekshahadimani53, 6 months ago

3.किन बातो से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है
कि वह सुखी नही था ? please keep it long
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Answered by surenderr068
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Answer:

मादवदास अपने नगर का बहुत बडा सेठ था। वह जिस पर अपना हाथ रख दे उसका भाग्य चमक जाता है। उसके पास बहुत सारी कोठियाँ हैं, दास दासियाँ हैं। वह छोटी चिडिया के लिए संसार की सभी खुशियाँ खरीद सकता है। उसके पास संसार की वे सभी वस्तुएँ हैं। जिससे उसका वैभव दिखाई देता है। सब कुछ होते हुए भी वह अपने जिवन से खुश नहीं है। अंदर कुछ खाली खाली सा लगता है। उसके पास बहुत सारे महल हैं परंतु सभी सुने हैं, उसमें कोई नहीं चहचहाता।अपने महल में खुशियाँ लाने के लिए वह उस छोटी सी चिडिया की खुशामद करता है उसे दुनिया के सभी सुख देने को तैयार है। मादवदास की बातों से पता चलता है कि उसका जीवन संपन्नता से भरा हुआ अवश्य है। परंतु वह अपने जीवन से खुश नहीं है।

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Answered by Anonymous
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Answer:

माधवदास की बड़ी कोठी, सुंदर बगीचा, रहने का ठाठ-बाट रईसों जैसा था। चिड़िया के साथ वार्तालाप में कहना कि तेरा सोने का पिंजरा बनावा दूंगा और उसे मालामाल कर देने की बात कहता है। इसके अलावा वह स्वयं स्वीकार करता है। कि उसके पास कई कोठियाँ, बगीचे और नौकर-चाकर हैं। इन बातों से उसकी संपन्नता का पता चलता है। इसके अलावे वह अकेलेपन को दूर करने के लिए चिड़िया के साथ रहने के लिए मजबूर था, यह बात दर्शाता है कि सारी सुविधाओं के बाद भी वह सुखी नहीं था।

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