3) कहानी लेखन
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......
एक आदमी
......परेशानी से जूझना एक युवक समुद्र तट के रेट से कुछ
......पानी में फेंकना...... युवक को पूछना......
सोच का फर्क कहना....... मछलियों को जिंदगी मिलना....... उससे आदमी को परेशानी
उठाना
का हल प्राप्त..... मान सकारात्मक
सीख...... शीर्षक
Answers
प्रश्न में दिए गए संकेतों के आधार पर कहानी लेखन...
सोच का फर्क
एक व्यक्ति बेहद परेशान था। उसे उसके व्यापार में बहुत घाटा हो रहा था और वह अनेक तरह की परिस्थितियों व परेशानियों से जूझ रहा था। एक दिन वह यूं ही परेशान होकर यूं ही समुद्र तट पर टहलने चला गया। वह अपने विचारों में मग्न टहलता हुव चला जा रहा था कि उसने देखा कि समुद्र तट के रेत से एक युवक पानी में फेंस ऑृृृरहा था उस व्यक्ति ने युवक से पूछा यह क्या कर रहे हो तो युवक बोला ज्वार का पानी नीचे की ओर जा रहा है। दिन हो चुका है, सूरज की गर्मी बढ़ रही है अगर मैं इन मछलियों को समुद्र में पानी में नहीं भेजूंगा तो यह यहां मर जाएगी। तबब उस व्यक्ति ने देखा कि समुद्र के तट पर चारों तरफ मछलियां मछलियां फैली हुई थी जो ज्वार के पानी के साथ समुद्र के तट तक आ गई थी और भाटा आने की स्थिति में का पानी जब पीछे की ओर जाने लगा तो वह मछलियां समुद्र की रेट पर ही रह गई युवाओं को समुद्र में डाल रहा था।
उस दुखी व्यक्ति ने कहा इतने बड़े समुद्र पर जाने कितनी मछलियां पड़ी हुई है मछलियों को समुद्र में डाल दोगे तो उससे क्या हो जाएगा? तुम्हें क्या मिल जाएगा? इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा पहले तो युवक ने उस व्यक्ति की बात सुनी। फिर मुस्कुरा कर बोला हो सकता है इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा आपको कोई फर्क नहीं पड़े दुनिया को कोई फर्क नहीं, पड़े लेकिन उन सभी मछलियों को फर्क पड़ेगा जिन जिन मछलियों को मैंने समुद्र में वापस डाला है। उन सब को फर्क पड़ेगा स्चं उनका बहुमूल्य जीवन बच जायेगा
युवक की बातें सुनकर वो दुखी व्यक्ति निरुत्तर रह गया, लेकिन उसे अपनी समस्याओं का हल मिल चुका था। उसने जान लिया कि जीवन में केवल सकारात्मक सोच ही रखनी चाहिए, नकारात्मक सोच लेकर जीवन में आगे नहीं बढ़ा जा सकता। अब वह दुगुन जोश के साथ अपने काम में जुट जाने का संक्लप लेकर अपने घर ओर बढ़ चला।
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