3) कहानी लेखन :- 5 नि नि नि नि म ्नलि खित मुद् दों के आधार पर 70 से 80 शब्द ों में कहानी लि खिए और उचित शीर्ष क दीजिए :- राघव और माता-पित ा - सुखी परिवार - राघव हमेशा मोबाइल पर --- कान में इयरफोन --- माता-पित ा का मना करना --- राघव का ध्या न न देना --- सड़क पार करना --- कान में इयर फ फ ोन --- दुर्घ टना --- सीख ।
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आपको सबसे अच्छा क्या लगता है, काम करना या खेलना?— खेलने में कोई बुराई नहीं है। बाइबल कहती है कि यरूशलेम के “चौक खेलनेवाले लड़कों और लड़कियों से भरे” रहते थे।—जकर्याह 8:5.
महान शिक्षक जब बच्चों को खेलते देखता था तो उसे बड़ा अच्छा लगता था। धरती पर आने से पहले उसने कहा: ‘मैं कुशल कारीगर-सा परमेश्वर के साथ था; और हर दिन उसके सामने आनन्दित रहता था।’ यीशु को “कुशल कारीगर” कहा गया है, इसका मतलब वह स्वर्ग में यहोवा के साथ काम करता था। जब वह स्वर्ग में था तब उसने कहा: “मेरा आनन्द मानवजाति में था।” यह बात बिलकुल सही है क्योंकि जैसा हमने पहले सीखा था, महान शिक्षक को सभी इंसानों में बहुत दिलचस्पी थी और बच्चों से भी उसे बहुत प्यार था।—नीतिवचन 8:30, 31, NHT.
धरती पर आने से पहले महान शिक्षक को किस बात से खुशी मिली?
क्या आपको लगता है यीशु भी बचपन में खेलता होगा?— हाँ वह खेला होगा। वह स्वर्ग में “कुशल कारीगर” था, क्या उसने धरती पर भी काम किया?— जी हाँ, यीशु को “बढ़ई का बेटा” कहा गया। लेकिन उसे “बढ़ई” भी कहा जाता था। इससे क्या पता चलता है?— यूसुफ ने उसे अपने बेटे की तरह पाला था, उसने यीशु को ज़रूर बढ़ई का काम सिखाया होगा। इसलिए यीशु बड़ा होकर एक बढ़ई बना।—मत्ती 13:55; मरकुस 6:3.
यीशु किस तरह का बढ़ई था?— स्वर्ग में तो वह कुशल कारीगर था, तो क्या आपको नहीं लगता कि वह धरती पर कुशल बढ़ई रहा होगा?— ज़रा गौर कीजिए कि यीशु के दिनों में बढ़ई का काम करने में कितनी मेहनत लगती थी। यीशु शायद जंगल में जाकर पेड़ काटता होगा, फिर उनके टुकड़े करके घर लाता होगा और फिर उन्हें आकार देकर मेज़, बेंच और दूसरी चीज़ें बनाता होगा।
महान शिक्षक जब बच्चों को खेलते देखता था तो उसे बड़ा अच्छा लगता था। धरती पर आने से पहले उसने कहा: ‘मैं कुशल कारीगर-सा परमेश्वर के साथ था; और हर दिन उसके सामने आनन्दित रहता था।’ यीशु को “कुशल कारीगर” कहा गया है, इसका मतलब वह स्वर्ग में यहोवा के साथ काम करता था। जब वह स्वर्ग में था तब उसने कहा: “मेरा आनन्द मानवजाति में था।” यह बात बिलकुल सही है क्योंकि जैसा हमने पहले सीखा था, महान शिक्षक को सभी इंसानों में बहुत दिलचस्पी थी और बच्चों से भी उसे बहुत प्यार था।—नीतिवचन 8:30, 31, NHT.
धरती पर आने से पहले महान शिक्षक को किस बात से खुशी मिली?
क्या आपको लगता है यीशु भी बचपन में खेलता होगा?— हाँ वह खेला होगा। वह स्वर्ग में “कुशल कारीगर” था, क्या उसने धरती पर भी काम किया?— जी हाँ, यीशु को “बढ़ई का बेटा” कहा गया। लेकिन उसे “बढ़ई” भी कहा जाता था। इससे क्या पता चलता है?— यूसुफ ने उसे अपने बेटे की तरह पाला था, उसने यीशु को ज़रूर बढ़ई का काम सिखाया होगा। इसलिए यीशु बड़ा होकर एक बढ़ई बना।—मत्ती 13:55; मरकुस 6:3.
यीशु किस तरह का बढ़ई था?— स्वर्ग में तो वह कुशल कारीगर था, तो क्या आपको नहीं लगता कि वह धरती पर कुशल बढ़ई रहा होगा?— ज़रा गौर कीजिए कि यीशु के दिनों में बढ़ई का काम करने में कितनी मेहनत लगती थी। यीशु शायद जंगल में जाकर पेड़ काटता होगा, फिर उनके टुकड़े करके घर लाता होगा और फिर उन्हें आकार देकर मेज़, बेंच और दूसरी चीज़ें बनाता होगा।
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