Hindi, asked by suryavathip23202, 7 months ago

3. कवि जीव को अनादि कहकर क्या कहना चाहता है ? (2M)

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Answered by bhatiamona
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कवि जीव को अनादि कहकर यह कहना चाहता है कि यह शरीर नश्वर है। मनुष्य इस शरीर की नश्वरता क्यों डरता है। उसके अंदर जो जीवात्मा आए वह अनश्वर है, जो दूसरों के कल्याण के लिए अपने जीवन का त्याग कर देता है, वही सच्चा मनुष्य है। जिस प्रकार महर्षि दधीचि ने अपने शरीर की हड्डियां वज्र बनाने हेतु लोक कल्याण के लिए दान कर दीं। राजा शिवि ने कबूतर की जान बचाने के लिए अपना पूरा अपने शरीर का मांस दान कर दिया। कर्ण ने भी खुशी-खुशी अपने शरीर का कवच दान कर दिया। इस तरह मनुष्य को भी इस नश्वर शरीर की चिंता ना करते हुए आवश्यकता पड़ने पर लोक कल्याण के लिए अपने सुखों का परित्याग कर देना चाहिए।

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