Hindi, asked by alkaku54, 10 months ago

3 'मेघ मय आसमान से उतर रही थी संध्या सुंदरी परी
थी धीरे-धीरे' । 'संध्या सुंदरी' में प्रयुक्त अलंकार का भेद
बताइए
यमक
O रूपक
O अतिशयोक्ति
मानवीकरण​

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Answered by jyothykesu53gmailcom
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Answer:

varn vichchhed andhera

Answered by bhatiamona
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'मेघ मय आसमान से उतर रही थी संध्या सुंदरी परी थी धीरे-धीरे' । 'संध्या सुंदरी' में प्रयुक्त अलंकार का भेद बताइए

O यमक

O रूपक

O अतिशयोक्ति

O मानवीकरण​

सही जवाब :

O मानवीकरण​

व्याख्या :

'मेघ मय आसमान से उतर रही थी संध्या सुंदरी परी थी धीरे-धीरे' इस पंक्ति में मानवीकरण अलंकार इसलिए है क्योंकि संध्या को मानवीय रूप में क्रिया करते हुए बताया गया है।

मानवीकरण अलंकार में प्रकृति के तत्व या किसी निर्जीव तत्व को मानवीय रूप में क्रिया करते हुए दर्शाया जाता है। इस पंक्ति में भी संध्या एक भौगोलिक प्राकृतिक तत्व है। उसे  आसमान से उतरते हुए दर्शाकर मानव के रूप में क्रिया करते हुए दर्शाया गया है। इसलिए उपरोक्त पंक्ति में मानवीयकरण अलंकार है।

#SPJ3

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https://brainly.in/question/55213403

'अपनी एक टांग पर खड़ा है यह शहर, अपनी दूसरी टांग से बिलकुल बेखबर’ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है;

(i) श्लेष; (ii) उत्प्रेक्षा; (iii) मानवीकरण; (iv) अतिशयोक्ति;

https://brainly.in/question/55218315

अनुप्रास अलंकार निम्न में से किस पंक्ति में आया है?

(क) जीते जी मर जाओगे (ख) जिसको मां ने त्यागा है (ग) नारी जहां मां सम होती (घ) देश नहीं जगीर तुम्हारा​

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