3.
'माँ कह एक कहानी' कविता में घायल हुस के आधार पर पशु-पक्षियों की काल्पनिक बातचीत
को संवाद लेखन में आगे बढ़ाइए।
(पशु-पक्षी, पात्र, गौरेया, कबूतर, तोता, कुत्ता और बूढी गाय)
गौरेया -
हम पशु-पक्षी बोल नहीं सकते, शायद इसीलिए ये मनुष्य हमें इतना कष्ट देते हैं।
कबूतर
नहीं बहन! ऐसी बात नहीं सारे मनुष्य ऐसे नहीं हैं, कुछ हैं जो हमारे लिए दाना-पानी में
हैं, हमारी चिंता करके मनुष्य धर्म निभाते हैं।
बूढ़ी गाय-
(इसे आगे बढ़ाते हुए संवाद लेखन पूर्ण कीजिए।)
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hhhhhggghddynnkiakgboamixkdjy
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fir bad Mai us pasho ko ek Bache nai bacha liya Tha
fir nyayalya Mai vo insaf magne gay the
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