3. नीचे लिखे पठित काव्यांश को पढ़कर दिये गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
हम दीवानों की क्या हस्ती,
है आज यहाँ, कल वहाँ चले,
त लभते ।
आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी,
सब कहते ही रह गए अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धूल उड़ाते जहाँ चले ।।
तुम कैसे आए, कहाँ चले?
(ख) दीवानों के बारे में क्या कहा गया है ? ------------------------------------------------------------------------------------------------------------
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इस में दीवानों को एक ऐसे पक्षी की तरह बताया गया जिसका कोई स्थाई निवास नही है जिसे ना कल की चिंता है जिसकी कोई हस्ती नहीं है वह आज खुश है तो कल दुखी वह एक पल भर की तरह था जो किसी धूल की तरह उड गया
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