3. निम्िलिखित पठित गदयाांश को पढ़कर प्रश्िों केउत्तर लिखिए। (5 Marks)
पुरानेसमर् मेंिो भारि मेंमानमसक सजगिा और िकनीकी कौशल की कमी थी नहीं, ककंिुबाद की सददर्ों मेंउत्तरोत्तर
धगरावट का आभास होनेलगिा है। जीवन की लालसा और उदर्म मेंकमी आ जािी है। क्षीण होिी रचनात्मक प्रववृत्त की
जगह अनुकरण की प्रववृत्त लेलेिी है। जहाँकामर्ाबी के साथ ववद्रोही ववचार-पदधति नेप्रकृति और ब्रहमांड के रहस्र्ों को
भेदनेका प्रर्ास ककर्ा था, वहाँशब्दा डंबर सेलैस भाष्र्कार उसकी जगह लेिा ददखाई देनेलगिा है। भव्र् कला और मूतिा
तनमााण का स्थान जदटल पच्चीकारी वाली सावधानी सेकी गई नक्काशी लेनेलगी। प्रभावी ककंिुसरल, सजीव और
समदृ ध भाषा की जगह, अत्र्ंि अलंकृि और जदटल सादहत्र् शैली नेलेली। साहमसक कार्ों की लालसा और छलकिी हुई
जजंदगी, जजसके कारण सुदरू देशों मेंभारिीर् संस्कृति का प्रसार संभव हो सका था, क्षीण हो चली और उसके स्थान पर
महासागरों को पार करनेपर रोक लगानेवाली संकीणारूद़िवाददिा नेजन्म लेमलर्ा। जाँच-पडिाल की वववेकपूणाचेिना
लुप्ि होिी गई और अिीि की अंधी मूतिपा ूजा नेउसकी जगह लेली। अिीि के ववकट भार नेउसेकुचल कर रख ददर्ा और
वह एक िरह की मूछाासेग्रस्ि हो गई। मानमसक जडिा और शारीररक थकावट की इस हालि मेंभारि का ह्रास होनेलगा।
वह गतिहीन और जड हो गया जब कर्क ववश्व र्केदसू रेहहस्सेप्रगति र्केपथ पर बढ़र्ेगए ।
प्रश्ि :-
क) यह गदर्ांश कर्कस पुस्र्र्क सेशलया गया है?
ख) ब्रहमांड र्के रहस्य र्को र्कै सेभेदनेर्का प्रयास कर्कया गया?
ग) साहहत्य िैली र्केबारेमेंनेहरू जी र्का क्या र्कहना है?
घ) "िारीररर्क" & "साहशसर्क" िब्द र्का प्रत्यय अलग र्करर्केशलखखए।
ङ) पुरार्न समय मेंभारर् र्की स्स्थतर् र्कै सी थी?
4. निम्िलिखित अपठित गदयाांश को पढ़कर प्रश्िों केउत्तर लिखिए। (5 Marks)
जाति न पूछो साधकी, पूछ लीजजए ज्ञान ।
मोल करो िरवार का, पडा रह दो म्यान।।
आवर् गारी एर्क है, उलटर् होइ अनेर्क ।
र्कह र्कबीर नहहंउलहटए, वही एर्क र्की एर्क ।।
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I don't understand question
please mark as brainiest
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iska answer - prathiyam indronbin waktalain
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