3. निम्नलिखित अपठित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गये प्रश्नों के उत्तरों में से सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए-
चाह नहीं मै सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ।
चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ ॥
चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि! डाला जाऊँ।
चाह नहीं देवों के सर पर च₹ भाग्य पर इठ्लाऊँ ॥
मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक ।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएँ वीर अनेक ॥
अ) सुरबाला शब्द का प्रयोग कवि ने किसके लिए किया है ?
क) कन्याओं के लिए ख) माला के लिए
ग) औरतों के लिए
घ) अप्सराओं के लिए
आ) सम्राट का स्त्री लिंग क्या है ?
क) सम्राटी
ख) महारानी
ग) राजकुमारी
घ) साम्राज्ञी
इ) फूल कहाँ जाकर गिरना चाहते है ?
क) देशभक्तों के मार्ग पर
ख) सुरबाला के गहनों पर
ग) देव-देवताओं के सिर पर घ) सम्राटों के शव पर
ई) निम्नलिखित में से कवि की क्या इच्छा है ?
क) सुरबाला के गहनों में गूंथे जाने की ख) सम्राटों के शव पर डाले जाने की
ग) देवी-देवताओं पर चढ़ाए जाने की घ) मातृभूमि पर शीश चढ़ाने की
उ) प्रस्तुत काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है ?
क) एक फूल की चाह ख) बनमाली की चाह
ग) देशभक्त की चाह
घ) देवता
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(1)
surbalaala Shabd ka prayog Kavi ne kanyaon ke liye Kiya hai (2)Samrat ka striling samragyee hai(3) kavi phool Ko deshbhakton ke Marge me girana chahte Hain (4)Kavi ki ichcha matrabhoomi per shish chadhane ki hai (5)ek phool ki chah is Kavita ka shirshak upayukt hai.
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