3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(i) वायुमंडल के संघटन की व्याख्या करें।
Answers
Answer with Explanation:
(i) वायुमंडल के संघटन की व्याख्या निम्न प्रकार से है :
वायुमंडल अनेक गैसों , जलवाष्प तथा धूल कणों के मिश्रण से बना हुआ है।
गैसें :
वायुमंडल में ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन प्रमुख गैसें हैं। नाइट्रोजन की मात्रा 78% तथा ऑक्सीजन की मात्रा 21% है । शेष 1% में अन्य गैसें कार्बन डाइऑक्साइड ,मीथेन, ओज़ोन, ऑर्गन ,हाइड्रोजन, हीलियम आदि शामिल है । इन गैसों की मात्रा कम अधिक होती रहती है । भारी गैसें वायुमंडल की निचली परतो में तथा हल्की गैसें ऊपरी परतों में पाई जाती हैं। ऑक्सीजन ,नाइट्रोजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड पौधों का आधार है। 120 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्र शुन्य हो जाती है । इसी प्रकार कार्बन डाइऑक्साइड एवं जलवाष्प पृथ्वी की सतह से 90 किलोमीटर की ऊंचाई तक ही पाए जाते हैं।
जलवाष्प :
वायुमंडल में लगभग 2% मात्रा में जलवाष्प पाया जाता है। ऊंचाई के साथ जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती है। कुछ जलवाष्प का लगभग आधा हिस्सा 2000 मीटर ऊंचाई के नीचे ही पाया जाता है। जलवाष्प तापमान पर भी निर्भर करता है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती है ।पृथ्वी पर वृष्टि तथा संघनन का मुख्य स्रोत जल वाष्प ही है । सूर्यातप को सोख कर जलवाष्प तापक्रम का नियंत्रण करता है। विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती है । शुष्क, शीत मरुस्थलों में तथा ध्रुवीय प्रदेशों में यह 1% से कम है। यह एक कंबल की तरह कार्य करते हैं। जलवाष्प वायु को स्थिर और अस्थिर होने में योग देते हैं ।
धूल कण :
वायुमंडल में बहुत बारीक ठोस कण पाए जाते हैं जिनमें धूल कण प्रमुख हैं। इनके स्रोत मरुस्थलीय मैदान, समुद्री तट, शुष्क घाटियां तथा झील तल होते हैं । धूल कण अधिकतर वायुमंडल के निचले हिस्सों में पाए जाते हैं। धूल कणों पर वाष्प के घनी भवन होने से कोहरा, धूंध तथा मेघों की रचना होती है। धूल कण सूर्यतप को बिखराते तथा विकेंद्रित करते हैं। धूल कण मेघों के लिए द्रवग्राही केंद्र बन जाते हैं । धूल कणों में समुद्र नमक , महीन मिट्टी , धुएं की कालिमा, राख, पराग धूल और तारे के टूटे हुए कण मिलते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी गैस वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है?
(क) ऑक्सीजन (ख) आर्गन (ग) नाइट्रोजन (घ) कार्बन डाईऑक्साइड
(ii) वह वायुमंडलीय परत जो मानव जीवन के लिये महत्त्वपूर्ण हैं :
(क) समतापमंडल (ख) क्षोभमंडल (ग) मध्यमंडल (घ) आयनमंडल
(iii) समुद्री नमक, पराग, राख, धुएँ की कालिमा, महीन मिट्टी- किससे संबंधित हैं?
(क) गैस (ख) जलवाष्य (ग) धूलकण (घ) उल्कापात
(iv) निम्नलिखित में से कितनी ऊँचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा नगण्य हो जाती है?
(क) 90 किमी (ख) 100 किमी (ग) 120 किमी (घ) 150 किमी
(v) निम्नलिखित में से कौन-सी गैस सौर विकिरण के लिए पारदर्शी है तथा पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी?
(क) ऑक्सीजन (ख) नाइट्रोजन (ग) हीलियम (घ) कार्बन डाईऑक्साइड
https://brainly.in/question/11902040
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :
(i) वायुमंडल से आप क्या समझते हैं?
(ii) मौसम एवं जलवायु के तत्त्व कौन-कौन से हैं?
(iii) वायुमंडल की संरचना के बारे में लिखें।
(iv) वायुमंडल के सभी संस्तरों में क्षोभमंडल सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
https://brainly.in/question/11902046
★ उत्तर :-
पृथ्वी का वातावरण निम्नलिखित अणुओं से बना है: नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (21%), आर्गन (1%), और फिर कार्बन डाइऑक्साइड, नियोन, हीलियम, मीथेन, क्रिप्टन, हाइड्रोजन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्सीनन की मात्रा का पता लगाते हैं। , ओजोन, आयोडीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अमोनिया। कम ऊंचाई पर भी जलवाष्प की मात्रा होती है।
आज हमारे पास जो वातावरण है वह पृथ्वी के शुरुआती वातावरण से बहुत अलग है। जब ग्रह पहली बार 4.4 अरब साल पहले ठंडा हुआ था, तो ज्वालामुखी ने भाप, कार्बन डाइऑक्साइड और अमोनिया को उगल दिया था, और यह आज के वातावरण के रूप में 100 गुना घना था।
सबसे शुरुआती बैक्टीरिया, जिन्हें साइनोबैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है, संभवतः पृथ्वी पर पहले ऑक्सीजन पैदा करने वाले जीव थे। लगभग 2.7 से 2.2 अरब साल पहले, उन्होंने बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन जारी किया और कार्बन डाइऑक्साइड को सींचा। जैसा कि ऑक्सीजन जारी किया गया था, उसने नाइट्रोजन को छोड़ने के लिए अमोनिया के साथ प्रतिक्रिया की। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड पौधों (और मानव उद्योग द्वारा जलते जीवाश्म ईंधन) द्वारा उत्सर्जित किया जाता है।
हमने यूनिवर्स टुडे के लिए पृथ्वी के बारे में कई लेख लिखे हैं। यहाँ एक लेख है कि कैसे पृथ्वी का वायुमंडल धीरे-धीरे अंतरिक्ष में लीक हो रहा है, और यहाँ एक लेख है कि कैसे पृथ्वी का प्रारंभिक वातावरण टाइटन के वातावरण के समान था।