3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:
(क) दोहाकोश' के रचयिता का नाम लिखें।
(ख) ‘पउमचरिउ किनकी रचना है ?
(ग) “ढोला-मारू-रा दूहा' की नायिका कौन है ?
(घ) विशिष्टाद्वैत के प्रवर्तक कौन थे ?
(ङ) “चंदायन' किसकी रचना है?
(च) “भक्तमाल' के रचयिता का नाम लिखें।
(छ) क्या बिहारी रीतिबद्ध कवि हैं ?
(ज) रानी केतकी की कहानी' के रचयिता कौन हैं ?
(झ) “वैदेही वनवास' किनकी कृति है ?
(ञ) “अंधायुग' किस विधा की रचना है ?
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क. सरहप
ख.जैन कवि स्वयंभू
ग. कुशलराय वाचक
घ.आचार्य रामानुज
ङ.मुल्ला दाऊदकृत
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पूछे गये प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार निम्नलिखित होंगे....
(क)
‘दोहाकोश’ को रचियता का नाम ‘सिद्ध सरहपा’ है।
(ख)
‘पउमचरिउ’ के रचनाकार ‘महाकवि स्वयंभू’ हैं
(ग)
‘ढोला-मारू-रा दूल्हा’ की नायिका पूंगल क्षेत्र की राजकुमारी ‘मारू उर्फ मारवणी’ है।
(घ)
‘विशिष्टाद्वैत’ के प्रवर्तक ‘संत रामानुजाचार्य’ थे।
(ङ)
‘चंद्रायन’ की रचना ‘मुल्ला दाऊद’ ने की थी।
(च)
‘भक्तमाल’ के रचियता का नाम ‘नाभादास’ है।
(छ)
हाँ, ‘बिहारी’ ‘रीतिबद्ध’ कवि हैं और रीति काल के प्रमुख कवियों में एक थे।
(ज)
‘रानी केतकी की कहानी’ के रचियता ‘सैयद इंशा अल्ला खाँ’ है।
(झ)
‘वैदेही वनवास’ ‘अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध’ द्वारा रचित कृति है।
(ञ)
‘अंधायुग’ ‘धर्मवीर भारती’ द्वारा रचित ‘काव्यनाट्य’ विधा की रचना है। जो काव्य और नाटक की मिला-जुला रूप होती है। इसे ‘गीतिनाट्य’ भी कहते हैं।
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