3 : पिछले सप्ताह आपके आस पास अथवा आपके द्वारा कौन - कौन से पर्व मनाये गए ? उनके नाम के साथ - साथ उनके बारे में कोई तीन बिंदु लिखिए तथा प्रस्तुत सवैये इनमे से किस पर्व के साथ जोड़ा जा सकता है
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Explanation:
होली… ऋतुओं के राजा ‘वसंत’ में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है… वसंत शीत के बाद आती है… भारत में फरवरी और मार्च में इस ऋतु का आगमन होता है… वसंत बहुत सुहावनी ऋतु है… इस ऋतु में सम जलवायु रहती है अर्थात् सर्दी और गर्मी की अधिकता नहीं होती है… प्रकृति में कई प्रकार से सुखद बदलाव होते हैं… इसलिए इसे ऋतुओं का राजा या ऋतुराज भी कहा जाता है… होली हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है… ‘रंगों का त्योहार’ कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है… पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे ‘होलिका दहन’ भी कहते है… दूसरे दिन, जिसे ‘धुरड्डी’, ‘धुलेंडी’, ‘धुरखेल’ या ‘धूलिवंदन’ कहा जाता है, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं, और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है… ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं… एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है… इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं।
राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही, पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है।