3. पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) “चौंक उन्होंने उसे उठाया
नया जन्म-सा उसने पाया।
इतने में आखेटक आया,
लक्ष्य सिद्धि का मानी।"
(ख) तब उसने, जो था खगभक्षी
हठ करने की ठानी।"
"हठ करने की ठानी।
अब बढ़ चली कहानी।"
jiske पास dum hai हाल करके dikhla de
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प्रस्तुत पंक्तियाँ हिन्दी साहित्य के महान कवि मैथिलीशरण गुप्तजी द्वारा लिखित हैं। जैसे बालक अपनी माँ से कहानी सुनाने के लिए बाल हठ करता है. वैसे ही माँ उससे प्रति प्रश्न कर बैठती है कि क्या बेटा तुमने मुझे अपनी नानी समझ लिया. फिर बच्चा अपनी छोटी सी बुद्धि का उपयोग करते हुए कहता है कि हे माँ, तु लेटी ही लेटी राजा या रानी की कहानी सुना न! बालक के इन भावों को इन पंक्तियों में देखिये –
Explanation:
वहां खड़े सिद्धार्थ ने चौक कर उसे उठा लिया. इतने में आखेटक भी आ गया. वह अपने निशाने पर गर्व कर रहा था. कह रहा था कि वाह क्या निशाना लगाया है. बच्चा कहता है, यह तो कोमल भी और कठिन भी, दोनों प्रकार की कहानी है।
आखेटक ने उस घायल पक्षी को माँगा. जब सिद्धार्थ ने मना किया तो वह हठ करने लगा. इस प्रकार कहानी आगे बढ़ने लगी
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