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प्रश्न-1 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर -
अकाल के बीच भी अच्छे काम और अच्छे विचार का एक सुंदर छोटा सा उदाहरण राजस्थान के अलवर क्षेत्र
का है जहाँ तरुण भारत संघ पिछले बीस बरस में काम कर रहा है। वहाँ पहले अच्छा विचार आया तालाबों का, हर नदी,
नाले को छोटे-छोटे बाँधों से बाँधने का। इस तरह वहाँ आसपास के कुछ और जिलों के कोई 600 गाँवों ने बरसों तक
वर्षा की एकएक बूद को सहेज लेने का काम चुपचाप किया। इन तालाबों, बाँधों ने वहाँ सूखी पड़ी पाँच नदियों को
सदानीरा का नाम वापस दिलाया।
अच्छे विचारों से अच्छा काम हुआ और फिर आई चुनौती भरे अकाल की पहली सूचना। नदियों में, तालाबों में, कुओं में
वहाँ तब भी पानी लबालब भरा था। फिर भी इस क्षेत्र के लोगों ने, किसानों ने आज से सात-आठ माह पहले यह निर्णय
किया कि पानी कम गिरा है इसलिए ऐसी फसलें नहीं बोनी चाहिए जिनकी प्यास ज्यादा होती है। तो कम पानी लेने
वाली फसलें लगाई गई। इसमें उन्हें कुछ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा पर आज यह क्षेत्र अकाल के बीच में एक बड़े हरे
द्वीप की तरह खडा है। यहाँ सरकार को न तो टैंकरों से पानी ढोना पड़ रहा है न अकाल राहत का पैसा बाँटना पड़ा है।
गाँव के लोग, किसी के आगे हाथ नहीं पसार रहे हैं।
उनका माथा ऊँचा है। पानी के उम्दा काम ने उनके स्वाभिमान की भी रक्षा की है। अलवर में नदियाँ एक दूसरे से जोड़ी
नहीं गई हैं। यहाँ के लोग अपनी नदियों से, अपने तालाबों से जुड़े हैं। यहाँ पैसा नहीं बहाया गया है. पसीना बहाया है,
लोगों ने और उनके अच्छे काम और अच्छे विचारों ने अकाल को एक दर्शक की तरह पाल के किनारे खड़ा कर दिया है।
प्रश्न: 1.तरुण भारत संघ कहाँ काम कर रहा है?
प्रश्न: 2 लोगों के परिश्रम के कारण अकाल की स्थिति कैसी हो गई है?
प्रश्नः3. सदानीरा किन्हें कहा जाता है ?
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Answer:1 तरूण भारत संघ पिछले बरस में काम कर रहा था।
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उत्तर (1) तरुण भारत संघ राजस्थान के अलवर क्षेत्र में काम करते हैं।
उत्तर (2) लोगों लोगों के परिश्रम के कारण अकाल की स्थिति कम हो गई और पानी ठीक प्रकार से सभी को मिलने लगा और कोई पानी बर्बाद नहीं कर पाता।
उत्तर (3) तालाबों बांधो ने वहां सूखी पड़ी नदियों को सदानीरा के नाम से जाना जाता है
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