3 पर्यावरण अध्ययन शिक्षण में योजना बनाने की आवश्यकता क्यों है? लिखिए ।
Answers
पर्यावरण अध्ययन शिक्षण में योजना बनाने की आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि किसी भी शिक्षण अध्ययन में योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने से ही शिक्षण का असली उद्देश्य पूरा होता है। यदि पर्यावरण अध्ययन में योजनाबद्ध तरीके से बालकों को शिक्षा प्रदान की जाएगी तो वह इसे सही रूप से समझ सकेंगे और पर्यावरण अध्ययन के महत्व को जान सकेंगे। वे अपने पर्यावरण के प्रति सजग एवं जागरूक हो सकेंगे। इसीलिए पर्यावरण अध्ययन के शिक्षण में योजना बनाने की आवश्यकता होती है।
व्याख्या :
पर्यावरण अध्ययन से तात्पर्य पृथ्वी के पर्यावरण का अध्ययन करना है। पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत विज्ञान और समाज दोनों का अध्ययन किया जाता है। पर्यावरण की घटनाओं को समझने के लिए भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जैविक शास्त्र के अतिरिक्त भूगोल, अर्थशास्त्र, संसाधन प्रबंध आदि का गहराई से अध्ययन करना पड़ता है और समझना पड़ता है। इस तरह पर्यावरण अध्ययन से इन सब विषयों की भी जानकारी प्राप्त होती है। पर्यावरण अध्ययन एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, इससे हम अपने पर्यावरण को अच्छी तरह समझ पाते हैं। हमें पर्यावरण का महत्व पता चलता है और हम अपने पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रति जागरूक बनते हैं।
Answer:
पर्यावरण अध्ययन शिक्षण के कारण वह कभी भी पर्यावरण को नुकसान न पहुंचा कर, उसकी सुरक्षा को महत्व देंगे। उसके बचाव के लिए अच्छे एवं कड़े नियम बनाए और उसका पालन करेंगे।
Explanation:
जैसा की हम जानते हैं की योजना एक महत्वपूर्ण चरण हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए प्रारम्भ करने से पहले उसके विषय में योजना का निर्माण होना अति आवश्यक होता है। योजना के होने के कारण ही वह कार्य आसानी से पूरा किया जा सकता हैं।
अमेरिका के प्रमुख राष्ट्रपति "अब्राहम लिंकन" ने कहा था की यदि मुझे किसी पेड़ को काटने के लिए २४ घंटे दिए जाएंगे तो मैं उसमे से अधिक से अधिक समय अपने कुल्हाड़ी को मजबूत करने में लगाऊंगा।
अर्थात योजना किसी भी कार्य को अत्यंत आसान बना देता हैं।
ठीक इसी तरह पर्यावरण के अध्ययन में भी योजना बनाना अति आवश्यक है। इस संदर्भ में योजना बनाने से बालकों को कम समय में ही अधिक जानकारी प्राप्त करा सकते हैं। इस प्रकार से कम समय में ही आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण की महत्व के बारे में बता सकते है, और उन्हें पर्यावरण के बचाव हेतु प्रेरित कर सके। पर्यावरण अध्ययन शिक्षण के कारण वह कभी भी पर्यावरण को नुकसान न पहुंचा कर, उसकी सुरक्षा को महत्व देंगे। उसके बचाव के लिए अच्छे एवं कड़े नियम बनाए और उसका पालन करेंगे।