Hindi, asked by swapnilgumte2, 1 month ago

3) 'पर्यावरण रक्षा में हमारा योगदान', इस विषय पर ५० से ५० शम

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Answered by RajkapurBhardwaj
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Answer:

हमारा देश विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या रखने वाले देशो के बीच दूसरा स्थान रखता है। इसकी विशाल जनसंख्या जहाॅ इसको कई समस्याओं से निजात दिलाती है, वही कुछ बिन्दुओ पर समस्याओं का रूप भी धारण करती हैं। एक तरफ इस जनसंख्या के लिये जल संकट तो दूसरी तरफ खाद्यान्न समस्या। श्वास हेतु आक्सीजन का आभाव आज नही तो कल समस्या का रूप धारण करेगा ही। उपजाउ भूमि का संकुचन इस जनसंख्या की सबसे महत्वपूर्ण समस्या के रूप में उभार ले रहा है।

दूसरी तरफ सम्पूर्ण विश्व पर हम दृष्टीपात करे तो आज हालात यहाॅ तक पहुॅच गये है कि विश्व के औसत तापमान में वृद्धि के कारण द्विपो एवं समुद्र तटिय क्षेत्रो के डूब जाने का खतरा पैदा हो गया है। इसके पीछे मात्र एक ही कारण कार्यरत है और वह है पर्यावरण का असंतुलन। इस लिये आवश्यक है बच्चों ! हम पर्यावरण से अच्छी तरह से परिचित ही न हो वरन उसके असंतुलन को दूर करने में भी सहायक हो। हम सबसे पहले यह समझे कि पर्यावरण क्या है –

पर्यावरण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है। परि का अर्थ है चारो ओर से तथा आवरण का अर्थ है घेरना। स्पष्ट है कि जो कुछ भी हमारे चारो ओर व्याप्त है – पर्यावरण कहलाता है। हमारे चारो ओर का पर्यावरण भौतिक एवं जैविक तत्वों से मिलकर बना है। भौतिक तत्वो में क्षेत्रो की भौगोलिक स्थिति, मिटटी, ख्निज, चटटानें सौर्य प्रकाश, तापमान,वायुमण्डलीय गैसे, जल आदि शामिल है। इसे भौतिक पर्यावरण भी कहते है। प्रत्येक जीव अपने प्रकाश, तापमान,जल और आवास जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु भौतिक प्र्यावरण पर ही निर्भर रहता है। पर्यावरण के जैविक तत्वो में वनस्पति, जीव-जन्तु, सूक्ष्म जीव एवं मानव सम्मिलित है। पृथ्वी के जिस भाग में जैविक प्र्यावरण पाया जाता है, उसे जैव मण्डल कहते है।जैव मण्डल की उपस्थिति के कारण ही सौर्य मण्डल में पृथ्वी को विलक्षण या अनोखा ग्रह कहा जाता है।

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