3. 'परहित' से बड़ा दूसरा कोई अच्छा कार्य नहीं है। परहित का अर्थ है- दूसरों का हित/भलाई। हम इसे 'परोपकार' भी कहते हैं। दूसरों को सुख पहुँचाना मानव का सबसे बड़ा गुण है। हमारा जीवन दूसरों के काम आए, भला इससे बढ़िया बात क्या होगी! मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। प्रत्येक प्राणी को एक-दूसरे की आवश्यकता होती है। सहयोग, प्रेम और परहित की भावना ही एक-दूसरे को बाँधे रखती है। प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि वह मानव तो क्या, किसी भी जीव-जंतु को, यहाँ तक कि पेड़-पौधों को भी दुख न पहुँचाए। परोपकार या परहित के संस्कार हमें संतोष और प्रसन्नता प्रदान करते हैं तथा सर्वत्र प्रतिष्ठा भी दिलवाते हैं।
(i) 'सामाजिक प्राणी' से आप क्या समझते हैं ?
2. (ii) किसी को भी दुख नहीं पहुँचाना चाहिए- ऐसा क्यों कहा गया है?
(iii) परोपकार प्रतिष्ठा' कैसे दिलवाता है?
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परहित' से बड़ा दूसरा कोई अच्छा कार्य नहीं है। परहित का अर्थ है- दूसरों का हित/भलाई। हम इसे 'परोपकार' भी कहते हैं। ... परोपकार या परहित के संस्कार हमें संतोष और प्रसन्नता प्रदान करते हैं तथा सर्वत्र प्रतिष्ठा भी दिलवाते हैं।
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