3 poems on " Importance of water " in Hindi
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मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
मैं तेरी प्यास बुझाऊँ।
पी लेगा यदि तू मुझको ,
मैं तुझको तृप्त कराऊँ।
मैं छोटी सी बूँद हूँ,
फ़िर क्यों न पहचाने?
तू जाने न सही मग़र,
किस्मत मेरी ऊपर वाला जाने।
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
फ़िर क्यों खोटी मुझको माने?
भटकता फ़िर रहा है तू,
और क्यों अनजान है तू?
तेरी महिमा मैं तो समझूँ न,
जाने तो ऊपर वाला जाने।
मैं पानी की तुच्छ बूँद हूँ,
फ़िर मेरी महत्ता क्यों न जाने?
ज़ीवन रूपी इस पथ पर ,
तुझे अकेले चलना है।
मैं भी चलूँ तेरे साथ -साथ,
और मुझे क्या करना है?
तू पी अपनी प्यास बुझा,
हमें ग़म नहीं है कुछ भी।
काम ही मेरा और क्या है ?,
केवल मुझे सिमट कर चलना है।
अस्तित्व ही यह मेरा है,
मुझे तुझमें रह जाना है।
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
फ़िर हालातों को क्यों न तुम पहचानो?
तेरे सहार मुझसे है,
और मेरा सहारा तुझसे।
तू तो मुझ पर आश्रित है,
और सब मेरे दीवाने।
तू मर जाएगा मेरे बिन ,
फ़िर क्यों न मुझको पहचाने?
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
फ़िर क्यों तुम व्यर्थ बितराओ?
बूँद -बूँद से घड़ा भरा है,
क्यों तुम ऐसा न कर पाओ?
यदि रखोगे सुरक्षित तुम मुझको,
मैं तो सागर बन जाऊँ।
अग़र करोगे न तुम ऐसा,
तो मैं तुच्छ बूँद भी न रह पाऊँ।
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
मैं तेरी प्यास बुझाऊँ।
पानी पानी पानी पानी
जीवन का आधार है पानी।
गर्मी से राहत दिलवाता
हर प्राणी की प्यास बुझाता
अकुलाहट को दूर भगाता
सबको निर्मल स्वच्छ बनाता।
पानी पानी पानी पानी
धरती का श्रृंगार है पानी।
बादल बन अमृत बरसाता
बन झरना यह सबको भाता
नदियाँ बन यह कल-कल गाता
सीप का यह मोती बन जाता।
पानी पानी पानी पानी
सबका पालनहार है पानी।
पेड़ों को हरियाली देता
जीवों को नवजीवन
धरती को खुशहाली देता
करता सबको पावन।
पानी पानी पानी पानी
नहीं है कोई इसका सानी।
पानी की कीमत पहचानों
सीमित है पानी ये तुम जानो
पर्यावरण को अपना मानो
अपने दायित्वों को जानो।
वर्ना एक दिन आएगा
जब पानी ना बच पायेगा
धरती का हर एक प्राणी
पानी-पानी चिल्लाएगा।
पानी-पानी चिल्लाएगा।
मैं तेरी प्यास बुझाऊँ।
पी लेगा यदि तू मुझको ,
मैं तुझको तृप्त कराऊँ।
मैं छोटी सी बूँद हूँ,
फ़िर क्यों न पहचाने?
तू जाने न सही मग़र,
किस्मत मेरी ऊपर वाला जाने।
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
फ़िर क्यों खोटी मुझको माने?
भटकता फ़िर रहा है तू,
और क्यों अनजान है तू?
तेरी महिमा मैं तो समझूँ न,
जाने तो ऊपर वाला जाने।
मैं पानी की तुच्छ बूँद हूँ,
फ़िर मेरी महत्ता क्यों न जाने?
ज़ीवन रूपी इस पथ पर ,
तुझे अकेले चलना है।
मैं भी चलूँ तेरे साथ -साथ,
और मुझे क्या करना है?
तू पी अपनी प्यास बुझा,
हमें ग़म नहीं है कुछ भी।
काम ही मेरा और क्या है ?,
केवल मुझे सिमट कर चलना है।
अस्तित्व ही यह मेरा है,
मुझे तुझमें रह जाना है।
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
फ़िर हालातों को क्यों न तुम पहचानो?
तेरे सहार मुझसे है,
और मेरा सहारा तुझसे।
तू तो मुझ पर आश्रित है,
और सब मेरे दीवाने।
तू मर जाएगा मेरे बिन ,
फ़िर क्यों न मुझको पहचाने?
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
फ़िर क्यों तुम व्यर्थ बितराओ?
बूँद -बूँद से घड़ा भरा है,
क्यों तुम ऐसा न कर पाओ?
यदि रखोगे सुरक्षित तुम मुझको,
मैं तो सागर बन जाऊँ।
अग़र करोगे न तुम ऐसा,
तो मैं तुच्छ बूँद भी न रह पाऊँ।
मैं पानी की बूँद हूँ छोटी,
मैं तेरी प्यास बुझाऊँ।
पानी पानी पानी पानी
जीवन का आधार है पानी।
गर्मी से राहत दिलवाता
हर प्राणी की प्यास बुझाता
अकुलाहट को दूर भगाता
सबको निर्मल स्वच्छ बनाता।
पानी पानी पानी पानी
धरती का श्रृंगार है पानी।
बादल बन अमृत बरसाता
बन झरना यह सबको भाता
नदियाँ बन यह कल-कल गाता
सीप का यह मोती बन जाता।
पानी पानी पानी पानी
सबका पालनहार है पानी।
पेड़ों को हरियाली देता
जीवों को नवजीवन
धरती को खुशहाली देता
करता सबको पावन।
पानी पानी पानी पानी
नहीं है कोई इसका सानी।
पानी की कीमत पहचानों
सीमित है पानी ये तुम जानो
पर्यावरण को अपना मानो
अपने दायित्वों को जानो।
वर्ना एक दिन आएगा
जब पानी ना बच पायेगा
धरती का हर एक प्राणी
पानी-पानी चिल्लाएगा।
पानी-पानी चिल्लाएगा।
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