3. राणा प्रताप का कोडा चेतक-तन पर क्यों नहीं गिरता था?
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कहते हैं कि उसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि उसे पकड़ पाना संभव नहीं था। वह प्रताप का प्रिय था और 26 फीट तक की छलांग लगा सकता था। चेतक को एक चतुर घोड़े के रूप में भी याद किया जाता है। चें तक अरि ने बोल दिया, चेतक के भीषण वारों से।
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गिरता न कभी चेतक तन पर, राणा प्रताप का कोड़ा था। वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर, या आसमान पर घोड़ा था। भाला गिर गया गिरा निशंग, हय टापों से खन गया अंग। बैरी समाज रह गया दंग, घोड़े का ऐसा देख रंग।
यह सही उत्तर है
धन्यवाद और आप के दिन मंगलमय हो ।
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