3.रमाबाई कस्मिन् क्षेत्रे अग्रगण्या?
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Explanation:
वह एक कवयित्री, अध्येता और भारतीय महिलाओं के उत्थान की प्रबल समर्थक थीं। ब्राह्म्ण होकर भी एक गैर ब्राह्मण से विवाह किया था। महिलाओं के उत्थान के लिये उन्होंने न सिर्फ संपूर्ण भारत बल्कि इंग्लैंड की भी यात्रा की। १८८१ में उन्होंने 'आर्य महिला सभा' की स्थापना की।
पंडिता रमाबाई (२३ अप्रैल १८५८ - ५ अप्रैल १९२२) एक प्रतिष्ठित भारतीय ईसाई समाज सुधारिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता।
पंडिता रमाबाई (२३ अप्रैल १८५८ - ५ अप्रैल १९२२) एक प्रतिष्ठित भारतीय ईसाई समाज सुधारिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता।
वह एक कवयित्री, अध्येता और भारतीय महिलाओं के उत्थान की प्रबल समर्थक थीं। ब्राह्म्ण होकर भी एक गैर ब्राह्मण से विवाह किया था। महिलाओं के उत्थान के लिये उन्होंने न सिर्फ संपूर्ण भारत बल्कि इंग्लैंड की भी यात्रा की। १८८१ में उन्होंने 'आर्य महिला सभा' की स्थापना की।पंडिता रमाबाई
वह एक कवयित्री, अध्येता और भारतीय महिलाओं के उत्थान की प्रबल समर्थक थीं। ब्राह्म्ण होकर भी एक गैर ब्राह्मण से विवाह किया था। महिलाओं के उत्थान के लिये उन्होंने न सिर्फ संपूर्ण भारत बल्कि इंग्लैंड की भी यात्रा की। १८८१ में उन्होंने 'आर्य महिला सभा' की स्थापना की।