Hindi, asked by kirti9747, 1 year ago

3 से 6 वर्ष के बच्चों के समूह को शालापूर्व शिक्षा प्रदान करने के महत्व का विस्तार सेवर्णन कीजिए।​

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Answered by KarunaAnand
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3 से 6 वर्ष के बच्चे के समूह को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान करने के महत्व का विस्तार करें । 3 से 6 वर्ष का आयु बच्चों का बेसिक / बेस कहलाता है । इस उम्र में बच्चे खेल कूद कर पढ़ना सीखते हैं पढ़ने के साथ-साथ या खेलते कूदते हैं ।

दोनों काम एक साथ करते हैं । जिससे कि या कुछ सीख सकें और इन पर ज्यादा प्रभाव / प्रेशर ना पड़े । जिससे यह संतुलित हो सके और सीखने में ज्यादा चेस्टा रखें ।

खेल के साथ 3 से 6 वर्ष के बच्चे अक्सर प्लेइंग स्कूल में जाते हैं । जहां इन्हें खेल संबंधित क्रियाएं करवाई जाती है।

3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी स्कूलों में भेजा जाता है । जहां पर यह खेल खेल में पढ़ते हैं । और आहार भी ग्रहण करते हैं । तीन से 6 वर्ष के बच्चे का यह उम्र नीव कहलाता है ।

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