3 से 6 वर्ष के बच्चों के समूह को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान करने के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए
Answers
3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को विद्यालय जाने से पहले शिक्षा देना बहुत जरूरी है उसका अपना एक महत्व है जो कि निम्नलिखित है
Explanation:
3 से 6 वर्ष की अवस्था को बाल्यावस्था कहा जाता है यह अवस्था बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास की अवस्था के नजर से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है इस व्यवस्था को दो भागों में बांटा जाता है
(1) पूर्व बाल्यावस्था
(2) उत्तर बाल्यावस्था
यह अवस्था बालक में जिज्ञासु प्रवृत्ति की अवस्था होती है इस चीज के बारे में इस अवस्था में बच्चा हर एक चीज के बारे में जानने को इच्छुक रहता है जैसे आसमान नीला क्यों है काला क्यों नहीं है पीला क्यों नहीं है सूरज रात में कहां चला जाता है रात में सूरज क्यों नहीं चमकता चंद्रमा दिन में कहां चला जाता है या फिर चंद्रमा हमारे साथ साथ क्यों चलता रहता है यह सब बातें बच्चे जानने को इच्छुक रहते हैं |
इस अवस्था में बच्चा अपनी बड़ों से माता-पिता से या अध्यापकों से हर एक चीज के बारे में जानने को इच्छुक रहता है इस अवस्था में बच्चा साथियों के साथ खेलना पसंद करता है और समूह में रहना पसंद करता है इसलिए इस अवस्था में बच्चा अपने प्राथमिक विद्यालय में जाने के लिए तैयार हो जाता है और हमेशा हमें अपने बच्चों के स्कूल जिंदगी शुरू करने से पहले उन्हें घर पर ही तैयार करना पड़ता है उन्हें आंगनबाड़ी जैसी व्यवस्था में भेजना पड़ता है ताकि वह वहां पर जाकर बैठना सीख जाएं बैठने की आदत डाली जानी चाहिए | स्कूल जाने से पहले ही आंगनबाड़ी में बच्चे को बैठने की आदत हो जाती है और हम घर पर भी बच्चों को थोड़ा बहुत लिखना पढ़ना सीखाना होता है |