Hindi, asked by akdss2122, 7 months ago

3.

सेन दंपती खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते थे और उन संभावनाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा
तय की थी?​

Answers

Answered by Mithalesh1602398
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Answer:

सेन दंपती खोखा में अपने पिता की तरह इंजीनियर बनने की पूरी संभावना देखते थे। उन्होंने उसके शिक्षा के लिए कारखाने से बढ़ई मिस्त्री घर पर आकर एक-दो घंटे तक उसके साथ कुछ ठोंक-ठाक किया करे। इससे बच्चे की उँगलियाँ अभी से औजारों से वाकिफ हो जाएंगी।

Explanation:

Step : 1 सेन साहब के परिवार में उनकी पाँच लड़की थी। सीमा, रजनी, आलो, शेफाली, आरती सबसे छोटा लड़का था काशू बाबू, प्यार से खोखा कहते थे। ।

सेन साहब के परिवार में पाँचों लड़कियों के ऊपर काफी अनुशासन था। लड़का सबसे छोटा था और उसका बहुत बाद में था। इसी कारण से लड़के प्रति मोह होना स्वभाविक था। लड़का के ऊपर अनुशासन का बंधन बहुत ढीला था।

Step : 2 सेन दंपती खोखा में अपने पिता की तरह इंजीनियर बनने की पूरी संभावना देखते थे। उन्होंने उसके शिक्षा के लिए कारखाने से बढ़ई मिस्त्री घर पर आकर एक-दो घंटे तक उसके साथ कुछ ठोंक-ठाक किया करे। इससे बच्चे की उँगलियाँ अभी से औजारों से वाकिफ हो जाएंगी।

Step : 3 प्रस्तुत कहानी में कहानीकार ने अमीरों की तथाकथित मर्यादा पर व्यंग्य किया है। इसमें गरीबों पर अमीरों के शोषण एवं अत्याचार पर प्रकाश डाला गया है। ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी महल और झोपड़ी की लड़ाई की कहानी है। इस लड़ाई में महल की जीत में भी हार दिखाई गई है। मदन द्वारा पिटे जाने पर खोखा के जो दो दाँत टूट जाते हैं वह अमीरों की प्रदर्शन-प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार का प्रतीक है। मदन अमीरों की प्रदर्शन-प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार के विरुद्ध एक चेतावनी है, सशक्त विद्रोह है। यही इस कहानी का लक्ष्य है। अतः निसंदेह कहा जा सकता है कि ‘विष के दाँत’ इस दृष्टि से बड़ा ही सार्थक शीर्षक है। अमीरों के विष के दाँत तोड़कर मदन ने जिस उत्साह, ओज और आग का परिचय दिया है वह समाज के जाने कितने गिरधर लालों के लिए गर्वोल्लास की बात है। इसमें लेखक द्वारा दिया गया संदेश मार्मिक बन पड़ा है।

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