3. सच को तप और झूठ को पाप क्यों कहा गया है ?
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सॉंच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप। जाके हिरदै सॉंच है, ताके हिरदै आप।।
अर्थात कबीर कहते हैं कि इस संसार में सच्चाई के मार्ग पर चलने से बड़ा कोई तप नहीं है, यानि जो सत्य के मार्ग पर चलता है वह ही सच्चा तपस्वी है। इस संसार में झूठ बोलने से बड़ा कोई पाप नहीं, झूठ बोलने वाला व्यक्ति महापापी होता है।
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