Hindi, asked by Shreya1816, 3 months ago

3. सहनशीलता से होने वाले प्रभावों का वर्णन कीजिए।​

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Answered by AbhaySoni52
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सबके सुखी होने का मार्ग है सहनशीलता

raghvendra raghvendra

1 year ago

ललित गर्ग

बदलती लाइफस्टाइल और सामाजिक माहौल की वजह से लोगों में सहनशीलता लगातार घटती जा रही है। सामाजिक माहौल न बिगड़े और लोग एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहें, इसी संकल्प के साथ विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय सहनशीलता दिवस मनाया जाता है। 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती पर संयुक्त राष्ट्र ने सहनशीलता वर्ष मनाया था। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में औपचारिक तौर पर प्रस्ताव पास कर अंतरराष्ट्रीय सहनशीलता दिवस की शुरुआत की थी। सहनशीलता दिवस मनाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी कि व्यक्ति, समाज, राष्ट्र एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई-झगड़ा आम हो गया है। लोग रिश्ते-नाते भूल कर जान लेने और देने पर उतारू हो रहे हैं। खासकर युवा पीढ़ी में जल्द उत्तेजित हो जाने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ‘गर्म खून’ और ‘लडक़पन’ कहकर युवाओं में बढ़ रही इस दुष्प्रवृत्ति को हम नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जल्द उत्तेजित होने वाले ये लोग खुद के साथ-साथ दूसरे को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सहनशीलता का शब्दिक अर्थ है शरीर और मन की अनुकूलता और प्रतिकूलता को सहन करना। मानव व्यक्तित्व के विकास और उन्नयन का मुख्य आधार तत्व सहिष्णुता है। स्वयं के विरुद्ध किसी भी आलोचना को स्वीकार नहीं करना मोटे रूप में असहिष्णुता है। सहिष्णुता मनुष्य को दयालु और सहनशील बनाती है वहीं असहिष्णुता मनुष्य को दम्भी या अहंकारी बनाती है। अहंकार अंधकार का मार्ग है जो मनुष्य और समाज का सर्वनाश कर देती है। शेख फरीद पुकार-पुकार कर खुद को समझाते हैं, ‘ओ फरीद, अगर तेरे बैरी तुझ पर मुक्कों का प्रहार करते हैं, तब भी बदले में तुम उन पर हाथ मत उठाना। तुम तो उनसे प्रीति ही करना। उन्हें आशीष देना। उनका भला मांगना और उनके पांव चूम कर चुपचाप अपने घर चले जाना।’

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