3. समायबोधक शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
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Answer:
उत्तर :-
समुच्चयबोधक शब्दों का वाक्य में प्रयोग किजीये :-
किंतु - तुम महान हो सकते हो किंतु मृत्यु से बड़े नहीं।
तथा - वह पढ़ता भी है तथा खेलता भी है।
क्योंकि - वह पढ़ता है क्योंकि वह कक्षा में प्रथम आना चाहता है।
अन्यथा - पढ़ लो अन्यथा तुम फेल हो जाओगे।
ताकी - तुम दवाई खा लो ताकि सुबह स्कूल जा सको।
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अधिक जानकारी :-
समुच्चयबोधक अव्यय -
वे अव्यय शब्द जो दो शब्दों या दो वाक्यों को जोड़ने या अलग करने का कार्य करते हैं। उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे - किन्तु, तथा यदि, और, मगर, चाहें, लेकिन, हालांकि आदि।
उदाहरण -
- राजेश ने कठिन मेहनत की ओर सफल हुआ
- निशा बहुत तेज दौड़ी लेकिन प्रथम नहीं आ सकी
- विकास और मोहन बहुत अच्छे मित्र हैं।
समुच्चय बोधक अव्यय के भेद
समुच्चय बोधक अव्यय के दो प्रकार के होते हैं।
- समानाधिकरण समुच्चय बोधक
- व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय
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❶ समानाधिकरण समुच्चय बोधक -
जो समुच्चय बोधक समान स्थिति वाले अर्थातु स्वतंत्र शब्दों, वाक्यांशों। या वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं।, उन्हें समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं।
पहचान :-
और, तथा, व, चाहे, किंतु, परन्तु, लेकिन, मगर, या, इसलिए आदि
उदाहरण :-
- रानी और सोनल खेल रही है।
- चाहे पायल गाए चाहे पारूल है।
समानाधिकरण समुच्चय के प्रकार :-
समानाधिकरण समुच्चय बोधक चार प्रकार होते हैं।
- संयोजक
- विकल्प सूचक या विभाजक
- विरोध सूचक परिणाम
- सूचक
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❷ व्यधिकरण समुच्चय बोधक -
जिन वाक्यों में एक मुख्य उपवाक्य हो तथा दूसरा उपवाक्य उस पर आश्रित हो तो ऐसे उपवाक्य को जोड़ने वाले अव्यय व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहलाते हैं।
पहचान :-
कि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, मानों, तथापि, अर्थात्, यानि, चूंकि, यहां तक कि आदि।
उदाहरण :-
जल्दी तैयार हो जाओ ताकि गाड़ी पकड़ सके।
व्यधिकरण समुच्चय बोधक के प्रकार :-
व्यधिकरण समुच्चय बोधक के चार प्रकार होते हैं।
- कारण बोधक
- संकेत बोधक
- उद्देश्य बोधक
- स्वरूपबोधक अव्यय
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संबंधित अन्य प्रश्न :-
अव्यय किसे कहते हैं? अव्यय के भेदों को लिखकर परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
please answer it properly
https://brainly.in/question/16778302
प्रश्न:-
- समायबोधक शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
उत्तर:-
किंतु= मैं चली तो जाऊंगी किंतु लौट कर नहीं आऊंगी I
तथा= मैं आगरा भी जाऊंगी तथा मुंबई भी जाऊंगी I
क्योंकि= मैं आगरा तथा मुंबई भी जाऊंगी क्योंकि वेकेशन का समय बढ़ गया है I
अन्यथा= तुम पढ़ाई करो अन्यथा तुम परीक्षा में असफल हो जाओगे I
ताकि= तुम भोजन समय पर किया करो ताकि तुम हमेशा स्वस्थ रहो I
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कुछ अधिक जानकारी:-
समुच्चयबोधक अव्यय -
वे अव्यय शब्द जो दो शब्दों या दो वाक्यों को जोड़ने या अलग करने का कार्य करते हैं। उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं।
समुच्चय बोधक अव्यय के भेद
समुच्चय बोधक अव्यय के दो प्रकार के होते हैं।
समानाधिकरण समुच्चय बोधक
व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय
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1️⃣ समानाधिकरण समुच्चय बोधक -
जो समुच्चय बोधक समान स्थिति वाले अर्थातु स्वतंत्र शब्दों, वाक्यांशों। या वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं।, उन्हें समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं।
पहचान :-
और, तथा, व, चाहे, किंतु, परन्तु, लेकिन, मगर, या, इसलिए आदि
समानाधिकरण समुच्चय के प्रकार :-
समानाधिकरण समुच्चय बोधक चार प्रकार होते हैं।
संयोजक
विकल्प सूचक या विभाजक
विरोध सूचक परिणाम
सूचक
⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀
2️⃣व्यधिकरण समुच्चय बोधक -
जिन वाक्यों में एक मुख्य उपवाक्य हो तथा दूसरा उपवाक्य उस पर आश्रित हो तो ऐसे उपवाक्य को जोड़ने वाले अव्यय व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहलाते हैं।
पहचान :-
कि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, मानों, तथापि, अर्थात्, यानि, चूंकि, यहां तक कि आदि।
व्यधिकरण समुच्चय बोधक के प्रकार :-
व्यधिकरण समुच्चय बोधक के चार प्रकार होते हैं।
कारण बोधक
संकेत बोधक
उद्देश्य बोधक
स्वरूपबोधक अव्यय
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