3. सम्यक् उत्तर दीजिए:
(क) श्रीकृष्ण ने कब और किस प्रकार द्रौपदी की लाज की रक्षा की थी?
ने नसिंह का रूप धारण किया था?
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★सम्यक् उत्तर दीजिए :
(क) श्रीकृष्ण ने कब और किस प्रकार द्रौपदी की लाज की रक्षा की थी?
उत्तर : जब महाराज युधिष्ठिर , दुर्योधन और शकुनी के साथ चौसर खेलते हुए अपना सब कुछ हारने के साथ ही साथ अपने चारों भाइयों ,अपनी पत्नी और अपने आप को भी हार गए । तब दुर्योधन ने चीरहरण करने का आदेश दिया । दुर्योधन का आदेश सुनकर उनका छोटा भाई दुःशासन द्रौपदी के बालों को पकड़कर उन्हे
राजसभा में खींच लाया और चीरहरण करने के लिए उनकी साड़ी खींचने लगा । अपने को असहाय पाकर बहुत ही क्रोधित स्वर से द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को सहायता के लिए पुकारा । उनकी पुकार सुनकर श्रीकृष्ण अदृश्य रूप में राजसभा में उपस्थित हुए और उसकी साड़ी बढ़ाते चले गए । दुःशासन साड़ी खींचते - खींचते थक गया । परंतु उसका अंतिम छोर उसके हाथ नहीं आ सका । इस प्रकार श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज की रक्षा की थी।
(ख) श्रीकृष्ण ने नरसिंह का रूप किसके लिए
धारण किया था?
उत्तर: हिरण्यकश्यप नामक एक अत्याचारी एवं
अभिमानी राजा था । वह स्वयं को ही ईश्वर मानता था,
परंतु उनका पुत्र भगवान श्रीकृष्ण का बहुत बड़ा भक्त था । प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने बहुत सारे तरीको से समझाया कि वह भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति छोड़ कर उनको ही अपना भगवान माने पर प्रह्लाद तैयार नहीं हुए । उनके पिता हिरण्यकश्यप ने उन्हे तरह - तरह की यातनाएँ दी पर उनका विश्वास भगवान श्रीकृष्ण में बढ़ता ही चला गया । एक बार जब उन्होने प्रह्लाद की जान लेनी चाही तो भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर प्रह्लाद की रक्षा की और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया।