(3. दिए गए पद्यांश का संदर्भ सहित भावार्थ लिखिए-
मछली से सीखो स्वदेश के,
लिए
तड़पकर
मरना।
पतझड़ के पेड़ों से सीखो,
दुःख
में धीरज धरना।
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इस पदयआँश का यह भावार्थ है कि मछली से सीखो वह अपने देश के लिए अपने आप को समर्पित कर देती है और पतझड़ से सीखो कितना भी दुख हो वह अपना धैर्य कभी नहीं छोड़ता है
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