Hindi, asked by Tausifkhan4286, 4 months ago

3 दिसंबर 1984 को भोपाल में एक फैक्ट्री से मिथाइल आइसो साइनेट नामक एक बेहद जहरीली एक

जानलेवा गैस रिसकर हवा में मिल गई। इस गैस का रिसाव इतनी जल्दी हुआ कि फैक्ट्री के आस-पास रहने

वाले लोग भाग भी न सके। वैसे भी यह रात के समय हुआ था। इस जहरीली गैस की मात्रा इतनी अधिक थी दि

लोगों को उसी समय साँस लेने में परेशानी होने लगी।लोगों ने वहाँ मे भागना चाहा पर वे भाग न सके और

असमय मौत का शि

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Answered by vadghuleasha
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Answer:

मिथाइल आइसोसाइनेट गैस

मिथाइल आइसोसाइनेट गैसजानिए इस भोपाल गैस त्रासदी की पूरी कहानी. 1984 की उस दरम्‍यानी रात को यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी के प्लांट नंबर 'सी' के टैंक नंबर 610 में भरी जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस में पानी भर गया, जिससे केमिकल रिएक्शन से बने दबाव को टैंक सह नहीं पाया और वो खुल गया. इससे जहरीली गैस का रिसाव होने लगा

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